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लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट ने किया खुलासा : लीलावती अस्पताल के पूर्व ट्रस्टियों ने किए 1500 करोड़ धनराशि का गबन

मुंबई, १२ मार्च ।
मुंबई के लीलावती अस्पताल के पूर्व ट्रस्टियों पर 1,500 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि की हेराफेरी का आरोप लगा है। अस्पताल का संचालन करने वाले लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट (एलकेएमएमटी) ने मंगलवार को बताया कि इस संबंध में ईडी और बांद्रा पुलिस स्टेशन में अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई गई हैं।

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद ट्रस्ट पर नियंत्रण हासिल करने के बाद वर्तमान ट्रस्टियों ने अपने पूर्ववर्तियों द्वारा अस्पताल प्रबंधन के मामलों में बड़े पैमाने पर कथित अनियमितताओं की पहचान कर फोरेंसिक ऑडिट कराने का निर्णय लिया। ऑडिटरों को पूर्व ट्रस्टियों द्वारा बड़े पैमाने पर अनियमितताएं, हेराफेरी का पता चला। फोरेंसिक आडिट के निष्कर्षों के आधार पर वर्तमान ट्रस्टी ने बांद्रा पुलिस स्टेशन में जालसाजी और धन के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए तीन शिकायतें दर्ज कराईं। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मामला आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंप दिया गया जो मामले की जांच कर रही है।
इन प्राथमिकियों के अलावा गुजरात में लीलावती अस्पताल से कीमती सामान की चोरी के संबंध में एक अन्य मामले की भी जांच चल रही है। इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने अस्पताल के तीन पूर्व ट्रस्टियों के खिलाफ 85 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में जांच शुरू कर दी है।एलकेएमएमटी की शिकायत पर पिछले साल 30 दिसंबर को बांद्रा पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था और मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश पर इसे ईओडब्ल्यू को स्थानांतरित कर दिया गया था।अस्पताल के एक वर्तमान ट्रस्टी ने शिकायत दर्ज कराई थी, क्योंकि उन्हें पता चला कि 2002 से 2023 के बीच आरोपी कथित ट्रस्टियों ने कथित तौर पर फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर ट्रस्ट का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया।
अधिकारी ने बताया कि उन्होंने चिकित्सा उपकरण खरीदने और निजी खर्चों के बहाने निजी मामलों के लिए वकील की फीस के रूप में 85 करोड़ रुपये का अवैध उपयोग किया। उन्होंने बताया कि शिकायत के आधार पर बांद्रा पुलिस थाने में धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात का मामला दर्ज किया गया है। एलकेएमएमटी के परमानेंट रेजिडेंट ट्रस्टी प्रशांत मेहता ने बताया, हमने शिकायतें दर्ज कराईं। इस शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई। आडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व ट्रस्टियों ने 1,500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का गबन और दुरुपयोग किया गया है। इन पूर्व ट्रस्टियों में से अधिकांश एनआरआइ और दुबई और बेल्जियम के निवासी हैं।उन्होंने कहा, हम ईडी से अनुरोध करते हैं कि वह मनी लांड्रिंग रोकने के लिए बने कानून पीएमएलए के प्रविधानों के तहत इन वित्तीय अपराधों की जांच में त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करे। यह दावा भी किया गया है कि अस्पताल परिसर में पूर्व ट्रस्टियों ने काला जादू भी किया गया था।

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