Shocking case: BJP leader’s son was digitally arrested for 8 years, 45 lakhs extorted by threatening, one accused arrested, two dead
Digital Arrest : मध्य प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट का चौंकाने वाला मामला सामने आया है अनूपपुर जिले के कोतमा में भाजपा नेता के पुत्र और इलेक्ट्रॉनिक कारोबारी आशीष ताम्रकार को आठ साल तक डिजिटल अरेस्ट में रखने का मामला सामने आया है। आरोपियों ने सीबीआई अधिकारी, जज, हाईकोर्ट वकील और पुलिस अधिकारी बनकर उन्हें धमकाया और 45 लाख रुपये विभिन्न खातों में जमा करा लिए।
2017 में पहली बार 23 लाख रुपये धमकाकर जमा कराए
थाना प्रभारी रत्नांबर शुक्ला के मुताबिक, कोतमा नगर के भाजपा नेता अवधेश ताम्रकार के पुत्र आशीष ताम्रकार की बाजार में इलेक्ट्रानिक दुकान है।
वह वायदा बाजार में भी पैसा निवेश करते थे। 23 लाख रुपए उन्हें 2017 में मिले थे। इसकी भनक गिरोह को लग गई।
नीमच थाने के अधिकारी बनकर आशीष को फोन किया और 23 लाख रुपये को हवाला की रकम बताकर धमकाया और रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए।
इसके बाद ठगों ने अलग-अलग मोबाइल नंबरों का उपयोग कर डिजिटल अरेस्ट किया और कुल 45 लाख रुपये अलग-अलग खातों में डलवाते रहे।
इस दौरान बदमाश स्क्रीन पर फर्जी पुलिस, जज, सीबीआई अधिकारी बनने का नाटक कर पुलिस का सायरन भी बजाते रहे।
डरा-सहमा व्यापारी गिरफ्तारी के डर से रुपयों की मांग पूरी करता रहा। परेशान होकर उसने जून माह में पुलिस से शिकायत की।
क्या है डिजिटल अरेस्ट?
डिजिटल अरेस्ट एक साइबर ठगी का तरीका है, जिसमें ठग व्यक्ति को ऑनलाइन पुलिस, जज, या सीबीआई अधिकारी बनकर गिरफ्तार करने का डर दिखाते हैं। वे पीड़ित से पैसे वसूलते हैं, ताकि वह गिरफ्तारी से बच सके।
पुलिस कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में सौरभ शर्मा निवासी गिरधर कॉलोनी, देहात थाना, जिला विदिशा कोथे गिरफ्तार किया है . पुलिस ने उसके पास से लेबटॉप, मोबाइल सहित ठगी के दस्तावेज भी ज़ब्त किया है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। इस मामले में मुख्य सरगना महेंद्र शर्मा और उसके साथी रवि डेहरिया की मौत हो चुकी है। आरोपित लकी कुमावत निवासी सतवास पुनासा जिला खंडवा, चित्रांश ठाकुर सहित अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है। महेंद्र शर्मा की 2022 में चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी।उसके विरुद्ध विदिशा व अन्य जिलों के थाने में 30 से ज्यादा अपराध दर्ज हैं। एक और आरोपित रवि डेहरिया की दो माह पूर्व सड़क हादसे में मौत हो गई।
पुलिस अधीक्षक का कथन
अनूपपुर के पुलिस अधीक्षक मोतिउरहान रहमान ने बताया कि आरोपितों ने युवक से साइबर ठगी के जरिए आठ साल में 45 लाख रुपये विभिन्न खातों में जमा कराए हैं।
बचाव के तरीके
– डिजिटल अरेस्ट के नाम पर आने वाले फोन कॉल या ईमेल पर विश्वास न करें।
– अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
– नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें और अपनी शिकायत दर्ज करवाएं।
_ ठगी होने के तुरंत बाद साइबर थाने में शिकायत दें।
*निष्कर्ष*
डिजिटल अरेस्ट के मामले में लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है। हमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रखने और साइबर ठगी से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।








