KORBA में भ्रष्टाचारियों का नया कैलेण्डर,इस महीने 31 तारीख का फर्जी बिल काटा
0 आखिर दोषियों को बचाने क्यों उलझ रहे अधिकारी…?
कोरबा। कोरबा में सरकारी धन के दुरुपयोग और फर्जी तरीके से आहरण के भ्रष्टाचारियों ने कैलेंडर को ही बदल डाला। इन्होंने उस महीने में एक नई तारीख रच डाली जो उस महीने में आती ही नहीं। पूरी जांच हो चुके किंतु कार्रवाई के लिए लंबित इस मामले में भ्रष्टाचारियों को भरपूर संरक्षण देने का काम जिला पंचायत से लेकर मुख्यालय में हो रहा है। इसमें संलिप्त लोगों को पूरी राहत दिलाने के लिए जांच में पाए गए तथ्यों से ही लीपापोती की भी बात सामने आई है।
मामला कोरबा जिले के करतला जनपद पंचायत अंतर्गत का है।नवपदस्थ कलेक्टर को बताया गया है कि ग्राम पंचायत साजापानी में शासन के राशि को अवैध गबन एवं फर्जी रसीद/कैश मेमो जो जय हनुमान ट्रेडर्स काशीरानी चौक, क्रमांक निरंक 15 जून 2017 राशि 1 लाख 50 हजार रुपए, मोबाईल क्रमांक 7697132403 लेख है एवं 31 जून 2017 राशि 25000 रुपए के जरिए ग्राम पंचायत के तत्कालिन सरपंच, सचिवगण एवं रोजगार सहायक के द्वारा फर्जी रसीद से आहरण किया गया है। भ्रष्टाचार में यह भी ध्यान नहीं रहा कि जून महीने में 31 तारीख होती ही नहीं। इस संबंध में शिकायत पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत करतला के द्वारा जांच कर ज्ञापन 9 मई 2022 के जरिए पुलिस अधीक्षक को आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा गया लेकिन आज तक पुलिस अधीक्षक के द्वारा संबंधित के विरुद्ध एफआईआर दर्ज नहीं किया गया है।
0 47 नग फर्जी बिल, बिना स्वीकृति राशि आहरण
जनपद पंचायत करतला के रिपोर्ट अनुसार ग्राम पंचायत साजापानी के द्वारा 2015 से 2018-19 तक कुल 47 नग बिल एवं राशि 43 लाख 10 हजार 200 रुपए का (बिना प्रशाासनिक स्वीकृति के राशि आहरण हुआ है।) उपयोग किया जाना पाया गया है। 2015-16 से 2018-19 तक सरपंच पद पर श्रीमती मोहन बाई कंवर थी तथा 2015 से मार्च 2018 तक सचिव पुष्पेन्द्र पैकरा था उसके बाद सचिव परमानंद राजवाड़े अब तक है। रोजगार सहायक लखन कंवर है (जिसे आज दिनांक तक पद से हटाया नहीं गया है।) इन सभी के द्वारा 47 नग बिल से शासन की राशि का अवैध गबन कर लिया गया है।
छत्तीसगढ़ मानव जेजेएफ के स्टेट सेके्रटरी शिवचरण चौहान ने शिकायत जनचौपाल में किया था लेकिन मुख्य कार्यपालन अधिकारी केे द्वारा संबंधित पंचायत कर्मी को बचाने के उद्देश्य से आज तक उनके विरुद्ध कार्यवाही नहीं की गई है। कलेक्टर से आग्रह किया गया है कि संबंधित को उचित आदेश, दिशा-निर्देश देने का कष्ट करें ताकि शासन के गबन राशि की यथाशीघ्र वसूली व संबंधित के विरुद्ध पुलिस में प्राथमिकी दर्ज हो सके।