KORBA:गैर जिम्मेदाराना रवैये ने बन्द कराए दो खदान,दण्डात्मक कार्रवाई करें
0 SECL प्रबंधन की लापरवाही से नहीं मिली सुराकछार व बलगी खदान को पर्यावरणीय अनुमति
कोरबा। कोरबा जिले में संचालित एसईसीएल की कोरबा क्षेत्र परियोजना के अंतर्गत सुराकछार एवं बलगी उपक्षेत्र खदान जिम्मेदार अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैये और आवश्यक कार्यवाही में बरती गई घोर लापरवाही की भेंट चढ़ गई है। खदान बन्द होने के बाद अब यहां के कर्मचारियों को इधर-उधर जबरन सामूहिक स्थानांतरण किया जा रहा है।
इस संबंध में एटक के प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष दीपेश मिश्रा ने बताया कि पर्यावरण मंजूरी न मिलने के चलते दोनों खदान में खनन गतिविधियों को पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
दीपेश मिश्रा ने बताया कि केंद्रीय पर्यावरण विभाग ने 2015 में ही सुराकछार एवं बलगी प्रबंधन को भविष्य में खनन गतिविधियों को जारी रखने के लिए पर्यावरण मंजूरी ले लेने के लिए चेताया था परन्तु प्रबंधन ने नोटिस को पूरी तरह नजरअंदाज करते हुए दोनों खदानों में खनन गतिविधियों को जारी रखने के लिए राज्य पर्यावरण विभाग से अस्थाई खदान संचालन के लिए सहमति ले लिया था और पुरजोर कोयला उत्पादन जारी रखा। अब राज्य पर्यावरण विभाग ने भी पर्यावरण मंजूरी के अभाव में दोनों खदानों में कोयला उत्पादन को पिछले 5-6 माह पूर्व से पूरी तरह रोक दिया है। दीपेश मिश्रा नेे कहा कि खदानों में कोयला उत्पादन जारी रखने के लिए पर्यावरण मंजूरी अति आवश्यक एक लंबी प्रक्रिया है जो निश्चित आकार से बड़ी परियोजनाओं के लिए अनिवार्य है इसलिए ही पर्यावरण विभाग समय से पूर्व पर्यावरण स्वीकृति लेने के लिए सूचित करता है। श्री मिश्रा ने कहा है कि सुराकछार एवं बलगी प्रबंधन के जिन अधिकारियों ने गैर जिम्मेदाराना हरकत कर पर्यावरणीय स्वीकृति लेने में कोताही बरती है, उनको जांच करके दंडित किया जाए अन्यथा एटक सीधी कार्यवाही करने के लिए बाध्य होगा।
0 बरसात में तबादला अमानवीय, तत्काल निरस्त करे प्रबन्धन
दीपेश मिश्रा ने बताया कि कोरबा एरिया के सुराकछार, बलगी एवं सिंघाली खदान में पिछले कई माह से उत्पादन ठप्प है इसलिए कोरबा एरिया के प्रबंधन ने जबरन मजदूरों को रजगमार व दीगर खदानों मे स्थानांतरण कर दिया है। जो कामगार रिटायर्ड हो रहे हैं उनको भी बलगी सुराकछार से 50 किलोमीटर दूर रजगामार में ट्रांसफर कर दिया गया है जो कि बिल्कुल सही नहीं है। एटक ने प्रबंधन के इस एक तरफा कार्रवाई का विरोध किया है। दीपेश मिश्रा ने कहा कि भारी वर्षा के मौसम में कर्मचारियों का स्थानांतरण अमानवीय कृत्य है। महाप्रबंधक कोरबा एरिया को अगाह किया कि फिलहाल कामगारों के ट्रांसफर पर पुनर्विचार करते हुए तुरंत निरस्त करें।