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KORBA:इन रास्तों से लौट आया विकास..! ननकीराम ने कराया था स्वीकृत जो निरस्त कर दिया गया

कोरबा। छत्तीसगढ़ प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री हैं और चर्चा है कि प्रभारी मंत्री अरुण साव के मार्फ़त कुछ लोग छत्तीसगढ़ के सबसे कद्दावर वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकीराम कंवर को दरकिनार करने में लगे हैं। इनमें वे लोग शामिल हैं जिन्होंने विधानसभा चुनाव में श्री कंवर के लिए भितरघात किया था। यह बात भाजपा खेमे के ननकीराम कंवर के समर्थकों में तबसे ज्यादा तैर रही है जबसे कोरबा जिले में कोरबा जनपद क्षेत्र के गांवों की दहलीज तक पहुंच कर आवश्यक विकास कार्यों को वापस लौटना पड़ गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जिन कार्यों की स्वीकृति अपने मांग पत्र के जरिए वरिष्ठ आदिवासी नेता, पूर्व गृहमंत्री व पूर्व रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने जिले के प्रभारी मंत्री अरुण साव से कराई थी, उसे निरस्त कर दिया गया। जो कार्य निरस्त किये गए हैं वे उन गांवों से आई तस्वीरों के मुताबिक जरूरी थे।

सड़कें उस क्षेत्र के विकास का मार्ग प्रशस्त करती हैं लेकिन ग्रामीण इलाकों में सड़कों के नाम पर आज भी कच्चे रास्ते, पगडंडियों का ही सहारा है। डामर की न सही सीमेंट की सड़क भी इनके लिए राहत भरी हो सकती है। इसी उम्मीद में ननकीराम कंवर से ग्रामीणों/जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई मांग पर उन्होंने इसकी स्वीकृति के लिए प्रभारी मंत्री को मांगपत्र देकर अनुशंसापूर्वक स्वीकृत कराया था।
31/7/2024 को वर्ष 2024-25 में प्रभारी मंत्री/विधायक निधि से मांगे गए कार्य की स्वीकृति की अनुशंसा उसी दिन कर दी गई।

इन कार्यों में ग्राम पंचायत रजगामार -सी.सी. रोड निर्माण कार्य मुख्य मार्ग से राधाबाई केवट के घर तक, बडगाव- सी.सी. रोड निर्माण कार्य मेन रोड से चौक की ओर, करूमौहा- सामुदायिक भवन निर्माण कार्य टिकरापारा करूमौहा, चाकामार – सी.सी. रोड निर्माण कार्य चाकामार मेन रोड से हाथी मुड की ओर, करमंदी- सी.सी. रोड निर्माण कार्य डेम से चितापाली की ओर, बेदरकोना- सी.सी. रोड निर्माण कार्य सहस घर से गौठान तक, रजगामार- ओमपुर दुर्गा पूजा पंडाल परिसर का रेनोवेशन पेवरब्लाक निर्माण, डोकरमना – सी.सी. रोड निर्माण कार्य घुसु घर से मैदान की ओर, मुटुनारा – सी.सी. रोड निर्माण कार्य मूढनारा से बुंदेली की ओर, कुरुडीह- सी.सी. रोड निर्माण कार्य मेन रोड से बस्ती की ओर शामिल थे। प्रत्येक कार्य की लागत 10-10 लाख रुपये थी।

31 जुलाई को अनुशंसा के आधार पर कार्रवाई शुरू हो चुकी थी कि 4 अगस्त को प्रभारी मंत्री ने कलेक्टर को पत्र प्रेषित कर पूर्व प्रेषित स्वीकृति प्रस्ताव को तत्काल निरस्त करते हुए विभिन्न पंचायतों में 18 कार्यो की स्वीकृति के निर्देश दिए। इस तरह श्री कंवर का मांगपत्र दरकिनार कर दिया गया। इसके लिये क्या कारण जिम्मेदार हैं ये तो फिलहाल पता नहीं लेकिन यह जरूर है कि इस घटनाक्रम से ननकी राम कंवर की साख पर सवालिया निशान लगा दिया गया है। उक्त गांवों में विकास कार्य फिर पिछड़ गए।

0 नए स्वीकृत कार्यों पर उठ रहे सवाल
पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर के कार्यों को निरस्त कर जिन 18 कार्यों को स्वीकृति दिया गया है वे कार्य बरसात के दिनों में कराए नहीं जा सकते और जो जरूरत के अपेक्षाकृत औचित्यहीन विकास कार्य के रूप में माने जा सकते हैं। एक तरफ सरकार स्कूल जतन योजना के अंतर्गत करोड़ों रुपए खर्च कर रही है वहीं दूसरी ओर इन स्कूलों में इंटरलॉकिंग करने के लिए और बरसात के दिनों में पचरी निर्माण के लिए राशि स्वीकृत कराना सवालिया निशान लगाता है। अगर ये जरूरी हैं तो क्या ननकीराम कंवर के द्वारा लिखे गए कार्य की वहां जरूरत नहीं थी, क्या मंडल अध्यक्षों के द्वारा प्रस्तावित कार्य ननकीराम कंवर के द्वारा मांगे गए कार्यों से ज्यादा उचित थे, क्या ननकीराम कंवर को दरकिनार करने में लगे हैं? ननकीराम कंवर के द्वारा ही उठाए गये कांग्रेस के विभिन्न प्रकार के भ्रष्टाचार, पीएससी घोटाला, शराब घोटाला एवं अन्य घोटाले को सामने लाने से छत्तीसगढ़ में सरकार भाजपा की बनी है, उन्हीं नेता को अब दरकिनार करना क्या पार्टी के लिए सही होगा? या फिर प्रभारी मंत्री को जो कुछ बताया जाता है,उस पर आंख मूंद कर विश्वास करके वरिष्ठ की अनदेखी करना सही हैं?

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