KORBA:बिजली खम्भे पर NH और विद्युत अमले में सांठगांठ…!
0 रास्ते से हटाने व शिफ्टिंग में विलंब और हीला हवाला पर सवाल
कोरबा। निर्माणाधीन नेशनल हाईवे/फोरलेन के रास्ते में आने वाले बिजली खम्भों की शिफ्टिंग के लिए शायद विद्युत अमले और एनएच ठेकेदार के बीच कोई सांठगांठ चल रही है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि कोरबा-चाम्पा मार्ग पर ग्राम सरगबुंदिया से बरपाली के मध्य नेशनल हाईवे के रास्ते में आ रहे बिजली खंबे को हटाने की कवायदों पर दोनों ही विभाग ने ध्यान नहीं दिया।
एक तरफ जहां NH के ठेकेदार ने बिजली विभाग पर ठीकरा फोड़ा तो दूसरी तरफ जब बरपाली सब स्टेशन के अधिकारियों से चर्चा की गई तो उन्होंने भी GOLMOL जवाब दिया। ना कोई कागज ना कोई पत्र, तो फिर आखिर खंबे को हटाया कैसे जाए? विश्वस्त सूत्र की मानें तो अंततः विद्युत विभाग की ओर से ठेकेदार को गोपनीय सुझाव दिया गया कि वह अपने वाहन से ठोकर मारकर खंबे को गिरा दे और तब हम उसे उठाकर ले जाएंगे, लेकिन कहीं ना कहीं इस तरह का कृत्य अपराध की श्रेणी में भी आता है जो सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला बनता है। बरपाली से सूत्र ने बताया कि NH के ठेकेदार ने उक्त बिजली खंभे को अपने वाहन से गिरवा दिया और विद्युत अमले ने उसे ट्रैक्टर से उठवाकर ठिकाने तक पहुंचा दिया। अब सवाल यह है कि ठेकेदार ने कहीं ना कहीं विद्युत विभाग की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया है क्योंकि ठोकर मार कर खंबे को गिराना और विद्युत विभाग द्वारा उसे विधिवत वहां से हटाकर दूसरी जगह स्थापित करना, दोनों में अंतर है। हालांकि इस संबंध में विद्युत विभाग के संबंधित अधिकारी ने कहा है कि ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी लेकिन अभी तक ऐसा कुछ हुआ नहीं है।
0 कुसमुंडा मार्ग में भी खम्भे का अवरोध
इधर दूसरी तरफ कुसमुंडा मार्ग में भी निर्माणाधीन फोरलेन के रास्ते में बरमपुर के पास दो खंबे आगे के कार्य में बाधा बने हुए हैं। बिजली के खम्भों को अब तक शिफ्ट नहीं कराया जा सका है। आखिर इसमें पेंच कहां फंस रहा है, जबकि NH के निर्माण में बाधक बनने वाले सभी अवरोधों को दूर किया जा रहा है तो इन दो खभों की शिफ्टिंग आज तक विद्युत विभाग ने क्यों नहीं किया, यह सवाल इस क्षेत्र के लोग पूछ रहे हैं।
इन दोनों मामलों को लेकर यह चर्चा तो गर्म हो चली है कि क्या एनएच के ठेकेदार और बिजली विभाग के अधिकारियों के बीच कोई सांठगांठ है ! या वजह कुछ और है? लेकिन इन दोनों ही सूरत में भुगतना तो आम जनता को ही पड़ रहा है।