KORBA:बस्तियों में बहने लगी नदी,बारिश के आंकड़े जारी,देखें video
कोरबा। मानसून अपने पूरे रंग में आ गया है। मानसून की मूसलाधार बारिश ने सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त करने के साथ ही बरसाती पानी के निकासी की व्यवस्थाओं की भी पोल खोल कर रख दी। इसके साथ ही नदी -नालों, नालियों पर अतिक्रमण करने वालों की भी परेशानी बढ़ गई है। पानी की निकासी का पर्याप्त स्थान नहीं होने के कारण बरसात का पानी नाली- नालों के गंदे पानी के साथ नदी के रूप में स्लम इलाकों में बहने लगा। देर रात हुई तेज बारिश के बाद चिमनीभट्ठा सहित कई स्लम इलाकों में नदी की धार बहती नजर आई। बस्ती की गलियों से होते हुए पानी ऐसा लग रहा था मानो की नदी के दोनों तरफ लोगों ने घर बसा लिए हैं। गंदा पानी घरों में भी घुसता रहा।
इसी तरह के हालात उन कॉलोनी क्षेत्र में भी बने जहां नालियों की साफ- सफाई का अभाव है,नालियां कम गहरी है या जगह-जगह से चोक है। समय रहते इन नालियों की साफ-सफाई संबंधित प्रबंधन/प्रशासन द्वारा नहीं कराए जाने के कारण खामियाजा अब बरसात में भुगतना पड़ रहा है।
0 दर्री-कोरबा में सर्वाधिक बारिश दर्ज
दूसरी तरफ मौसम विभाग से प्राप्त आंकड़े कोरबा जिला प्रशासन ने जारी कर दिए हैं। इसके मुताबिक 1 जून से 1 जुलाई 2024 तक की स्थिति में एक माह के भीतर बरसात के मामले में कोरबा तहसील दूसरे नंबर पर है और इससे पहले सर्वाधिक वर्षा दर्री तहसील में दर्ज की गई है। अभी और बारिश के आसार बने हुए हैं। मौसम विभाग के मुताबिक तेज बारिश की संभावना है। लोगों को सावधान रहने के लिए कहा गया है। खासकर ऐसे लोग जो नदी, नालों के तटीय क्षेत्रों में रह रहे हैं, उन्हें और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अपने-अपने सामानों के साथ सुरक्षित स्थान पर चले जाने की सलाह बार-बार दी जा रही है। नदियों में मछली मारना (मत्स्याखेट) प्रतिबंधित कर दिया गया है। लोगों को आगाह किया जा रहा है कि वह बरसात के मौसम में पिकनिक स्थलों और जलीय क्षेत्र में जाने से बचें। एकाएक पानी का वेग जिंदगी पर संकट उत्पन्न कर सकता है इसलिए किसी भी ऐसे जोखिम भरे स्थान पर जाने और जोखिम वाले काम करने से बचें।