Froud:बेटों को नौकरी लगवाने पिता से ठगा 9.37 लाख
0 SECL के रिटायर कर्मी ने खेत बेचकर दी रकम, अब भटक रहा
कोरबा। पुत्रों को नौकरी लगाने के नाम पर 9 लाख 37 हजार रुपए की ठगी को अंजाम दिया गया है। एसईसीएल से सेवानिवृत्त कर्मचारी इस ठगी का शिकार हुआ है। उसने नौकरी नहीं लगने और रुपए वापस नहीं मिलने पर पुलिस अधीक्षक से उचित कार्यवाही करने की गुहार लगाई है।
वार्ड-4 पुरानी बस्ती दीपका निवासी ओंकार सिंह कंवर पिता लछन सिंह कंवर ने बताया है कि उसके तीन लडक़े व एक लडक़ी है। पुत्र अरुण कुमार कंवर एवं दीपक कुमार कंवर मेरे घर में रहते हैं। साढू़ भाई सुबेर सिंह कंवर विजय नगर बिंझरा कोरबा से परिचित होने के कारण कैलाश भट्ट से उसका भी परिचय है। कैलाश कुमार भट्ट पिता भूरण लाल भट्ट बरपारा कोहडिय़ा में रहता है। कैलाश भट्ट के द्वारा कहा गया कि तुम्हारे बेटे अरूण कुमार कंवर को महिला एवं बाल विकास एवं दीपक कुमार कंवर को पुलिस विभाग में सरकारी नौकरी लगा दूंगा, जिसके लिए रकम देनी पड़ेगी। ऐसा कहकर कैलाश भट्ट बार-बार घर में आता था। कैलाश भट्ट पर विश्वास करते हुए अरूण के सरकारी नौकरी के लिए 3 लाख 70 हजार रुपए एवं दीपक कुमार के लिए 5 लाख 60 हजार रुपए दिया। उक्त राशि में से 70 हजार रूपए दो-तीन किश्त में गांव के भुवनेश्वर यादव के मोबाईल से ट्रांसफर कराये गये हैं एवं शेष रकम नगद दिया गया। उक्त रकम एसईसीएल से रिटायर होने के पश्चात रखे पैसों से एवं कुछ रकम अपने खेत बेचकर और गिरवी रखकर दिया गया।
इधर रकम देने के बाद कैलाश कुमार भट्ट द्वारा 21 अगस्त 2023 को 100 रुपए के स्टाम्प पर रामभूषण सोनी अधिवक्ता/नोटरी के समक्ष एक करारनामा निष्पादित किया और उसमें 21 अक्टूबर 2023 तक रकम वापसी की बात लिखी थी। जब पुत्रों की सरकारी नौकरी 21 अक्टूबर तक नहीं लगी तब पीडि़त ने कैलाश भट्ट से संपर्क किया। कैलाश भट्ट द्वारा हमेशा बरपारा कोहडिय़ा से बाहर रहने, कभी रायपुर में रहने और कभी मंत्रालय, कभी लखनऊ में रहने की बात कही जाती रही। 22 अक्टूबर 2023 से बार-बार रकम की मांग कैलाश भट्ट से की गई लेकिन उसके द्वारा रकम की वापसी नहीं की गई। प्रार्थी ने एसपी से निवेदन किया गया है कि कैलाश भट्ट के विरुद्ध उचित कानूनी कार्यवाही कर न्याय दिलाया जाय।