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CSEB कोरबा के अधिकारी को महिला आयोग ने बुलाया

0 पत्नी से तलाक लिये बिना दूसरा विवाह किया, आयोग ने कहा अपराध है

0 परिवार का संपत्ति विवाद आयोग की सुलह से हल

रायपुर/कोरबा। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती अर्चना उपाध्याय व डॉ. अनिता सवटे ने आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 226 वी व जिला स्तर पर 105 वीं सुनवाई हुई। रायपुर जिले में आयोजित जनसुनवाई में कुल 25 प्रकरण में सुनवाई की गई।

सोमवार को सुने गए प्रकरण में अनावेदक ने बताया कि आवेदिका उसकी पूर्व पत्नि है। अनावेदक ने आवेदिका से बिना तलाक के अन्य महिला से विवाह करना स्वीकार किया। अनावेदक ने कहा कि दूसरी महिला से 15 साल पहले विवाह किया। अनावेदक ने यह भी स्वीकारा कि दूसरी महिला से उसके दो बच्चे भी है। अनावेदक सुपरवाईजर CSEB में कार्यरत था। 2017 में रिटायर्ड हुआ है। जिसे 45 हजार रू पेंशन मिलता है। आवेदिका के द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज के अनुसार अनावेदक को 70 हजार रू. पेशन मिलती है। दोनो पक्षों के बीच न्यायालय में 5 मामले चल रहे है। आवेदिका का कहना है कि वे विद्युत मण्डल के शासकीय आवास में अपने बच्चों के साथ रहती है और अनावेदक बार-बार बिजली कटवाता है। जिसके लिए आवेदिका आवेदन प्रस्तुत की है। इस स्तर पर आवेदिका को समझाइश दिया गया कि CSEB के अधिकारी व कर्मचारी के नाम से लिखित शिकायत प्रस्तुत करे ताकि आगामी सुनवाई में उन्हें अनावेदक के समस्त दस्तावेजों व रिकॉर्ड के साथ बुलाया जा सके। तब तक के लिए कॉलोनी के निवास आबंटन करने वाले अधिकारी को निर्देशित किया जाता है कि प्रकरण के निराकरण तक शासकीय आवास की लाईन चालू रखे और अनावेदक के समस्त दस्तावेज लेकर आवेदिका आगामी सुनवाई में उपस्थित होंगी।

एक प्रकरण में दोनों पक्षों ने अपने-अपने दस्तावेज एक-दूसरे को दिया व आयोग में प्रस्तुत किया। दोनो पक्षों को दस्तावेज की रिप्लाई के साथ आगामी सुनवाई में उपस्थित होना होगा। प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा जायेगा।

एक अन्य प्रकरण में दोनो पक्षों को सुना गया आवेदिका ने गांव के घर और बाड़ी के हिस्से के लिए प्रकरण प्रस्तुत किया था। अनावेदक ने बताया कि उक्त सम्पत्ति उसके दादा के नाम पर था। जिसे दादा ने अपने पुत्र के नाम पर कर दिया। जिसके कुल 4 हिस्सेदार है। जिसमें आवेदिका का हिस्सा भी है। खेती का हिस्सा आवेदिका को मिल चुका है। आयोग द्वारा निर्देश दिया गया कि विवादित मकान बाड़ी में आवेदिका के हिस्से के लिए आपस में आयोग के काउंसलर की मदद से चर्चा कर अपना हक पाने का कार्य कर सकती है यदि आपसी सुलह संभव न हो सके तो दिसंबर माह में आयोग प्रकरण की सुनवाई करेगी।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने दोनो भाईयों के बीच सम्पत्ति विवाद को सुलझाने के लिए प्रकरण प्रस्तुत की है जिसमे मकान पर दोनो भाईयों का 1/71/7 हिस्सा होगा। दुकान पर दोनो भाईयों का 50% 50% हिस्सा होगा। इस मामले में आयोग के अधिवक्ता को काउसलिंग हेतु नियुक्त किया गया। उसके बाद अंतिम निराकरण किया जायेगा।

अन्य प्रकरण में दोनो पक्षों के मध्य तलाक का मामला कुटुंब न्यायालय में लंबित है। न्यायालय में मामला विचाराधीन होने के कारण प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।

अन्य प्रकरण में अनावेदिका व आवेदिका का भाई के विवाह से एक साढ़े तीन वर्ष की बच्ची है जिससे नियमित मिलने हेतु आवेदिका ने आयोग में प्रकरण प्रस्तुत किया। दोनों पक्षों के मध्य तलाक का प्रकरण लंबित है। अनावेदिका यह चाहती है कि आवेदिका का भाई तलाक की प्रक्रिया पूर्ण करने में सहयोग करे। ऐसा करने पर उन्हें माह में दो बार बच्ची से मिलने में सहयोग किया जायेगा। इस प्रक्रिया में काउंसलर की मदद ली जा सकती है। इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।

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