CMPF बोर्ड ने डुबाए 726.67 करोड़,खमियाजा भुगत रहे कोयला कामगार
0 कोयला कामगारों को कम ब्याज दर देना नाइंसाफी है: दीपेश मिश्रा
कोरबा। कोयला उद्योग मेें कार्यरत 4 लाख कामगारों के लिए सीएमपीएफओ (कोल माइंस प्रोविडेंट फंड बोर्ड ऑफ ट्रस्टी) के सदस्यों द्वारा दिल्ली में 22 फरवरी को बोर्ड की 180 वीं बैठक में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सीएमपीएफ के सदस्यों के लिए 7.6 फीसदी ब्याज दर देने के प्रस्ताव पर सहमति बनी है। इसे वित्त मंत्रालय के पास स्वीकृति हेतु भेजा जाएगा। वित्तीय वर्ष 2022-23 की तरह इस बार भी 7.6 फीसदी ब्याज दर तय कर दिया गया है।
यह खबर कोयला उद्योग में कार्यरत 4 लाख सरकारी या गैरसरकारी कामगारों के लिए बहुत बड़ा झटका है क्योंकि ईपीएफओ सेंट्रल बोर्ड के ट्रस्टी ने अपनी 235 वीं बैठक मे वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अपने 6 करोड़ सदस्यों के लिए 8.25 फीसदी ब्याज दर की सिफारिश कर दी है जो कोयला कामगारों के ब्याज दर 7.6 फीसदी के मुकाबलें ज्यादा है और ये सरासर कोयला कामगारों के साथ नाइंसाफ़ी है। इस संबंध में प्रदेश एटक कार्यवाहक अध्यक्ष दीपेश मिश्रा ने बताया कि न सिर्फ सरकार बल्कि कोयला प्रबंधन भी कोयला कामगारों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार कर रही है। वर्तमान में सरकारी या गैरसरकारी कोयला उद्योग देश के जरूरी उर्जा का प्रमुख स्रोत हैं। कोयला कामगारों के हितों के रक्षा के लिए हर संभव कोशिश करने का प्रयास प्रबंधन या सरकार को करना चाहिए परंतु इन्हें अनदेखा किया ज रहा है जो सही नहीं है। उन्होंने आगे बताया कि कोयला खान भविष्य निधि फंड को मजबूत करने के लिए बीते वर्षों मे सीएमपीएफ बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने हड़बड़ी मे डीएलएचएफ कंपनी में शॉर्ट टर्म डिबेंचर के रूप में 726.67 करोड़ रूपये इनवेस्टमेंट किया था सिर्फ लाभ कमाने के लिए। हालांकि श्रम संगठनों ने उस समय बोर्ड का ट्रस्टी को चेताया था कि कोयला कामगारों की गाढ़ी कमाई का पैसा शेयर बाजार में निवेश नहीं करें क्योंकि यह जोखिम का काम है परंतु सलाह को दरकिनार कर डीएचएलएफ के शेयर में फायदा कमाने इन्वेस्ट कर दिया किन्तु कुछ ही दिनों के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा डीएलएचएफ कंपनी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाकर प्राथमिकी दर्ज कर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज व नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सूचीबद्ध कंपनी लिस्ट से इस कंपनी को हटा दिया गया। इसका सीधा असर कोयला खान भविष्य निधि फंड पर पड़ा है। दीपेश मिश्रा ने कहा है कि इसका मतबल यह है कि सीएमपीएफ बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने अपने फायदे के लिए 726.67 करोड़ रकम जो इनवेस्टमेंट किया था, वो पैसा लगभग डूब गया है और कोयला कामगारों को भारी नुकसान हुआ है। अब सीएमपीएफ ओ 727.67 करोड़ रुपये को राइ ऑफ करने (बट्टे खाते में डालने) की बात कह रही है जो गंभीर बात है। कुल मिलाकर कोयला खान भविष्य निधि फंड लगातार कमजोर होता जा रहा है जो चिंता की बात है। इस पर कोयला प्रबंधन और सरकार को ध्यान देना चाहिए।