हिमाकत:मितानिन ने चिकित्सक पर हाथ उठाया, शिकायत पर पुलिस जांच में जुटी
कोरबा। कोरबा जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ महिला चिकित्सक से मितानिन ने मारपीट किया। इसे लेकर चिकित्सकों में नाराजगी है और पुलिस में शिकायत कर कार्रवाई की मांग कोरबा से लेकर रायपुर तक की गई है। मितानिन के पक्ष में उनका संगठन बचाव के लिए जुटा हुआ है।
जानकारी के मुताबिक दो दिन पहले एक मितानिन उरगा थाना क्षेत्र के ग्राम कुदुरमाल निवासी गर्भवती महिला को लेकर प्रसव के लिए जिला अस्पताल पहुंची। कुछ देर में प्रसूता ने स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। इसके उपरांत महिला चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी प्रसव कक्ष में जच्चा-बच्चा की निगरानी में लगे थे। इस बीच उक्त महिला को लाने वाली मितानिन भी सीधे प्रसव कक्ष के भीतर पहुंच गई तब किसी बात पर चिकित्सक ने उसे रोका-टोका। उस बात से मितानिन नाराज हो गई। नाराज मितानिन ने मोबाइल पर वीडियो बनाना शुरू कर दिया जिससे महिला चिकित्सक ने ऐसा करने से रोका तो विवाद हुआ और मितानिन अभद्रता पर उतारू हो गई। उसने चिकित्सक से मारपीट कर दी। मितानिन के इस तरह के अप्रत्याशित रवैये से हतप्रभ स्टाफ ने बीच बचाव किया। इस बीच आपाधापी में मितानिन का मोबाइल भी गिरकर क्षतिग्रस्त हो गया। मामले से चिकित्सा अधिकारियों को अवगत कराया गया। महिला चिकित्सक के साथ हुई घटना को प्रबंधन ने गंभीरता से लिया। प्रबंधन की ओर से मामले की शिकायत सिविल लाइन थाना रामपुर में की गई है। सोमवार को रामपुर पुलिस की टीम अस्पताल पहुंची। प्रसुता के अलावा घटना के वक्त मौके पर मौजूद अन्य महिलाओं का बयान दर्ज कर लिया गया है। मामले में पुलिस की विवेचना जारी है। संभवत: महिला चिकित्सक से अभद्रता करने वाली मितानीन के खिलाफ कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
0 ऐसा व्यवहार स्वीकार नहीं
चिकित्सकों ने कहा है कि इस तरह का व्यवहार अपेक्षित और स्वीकार्य नहीं है। मितानिनें स्वास्थ्य व्यवस्था का एक अहम हिस्सा मैदानी तौर पर जरूर हैं लेकिन उनको अपने दायरे में रहकर काम करना चाहिए। कोई दिक्कत थी तो अधिकारी को बताते,वीडियो बनाना, चिकित्सक से मारपीट करना पूरी तरह अनुचित और निंदनीय है। कार्रवाई न होने पर रायपुर जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे। एक चिकित्सक ने तो यह भी बताया कि मरीजों को लाने-भर्ती कराने व ले जाने तथा सुविधापूर्वक इलाज के एवज में कुछेक मितानिनें मरीज के परिजन से रुपये लेती हैं। गाँव देहात और गरीब वर्ग के मरीजों के लिए ऐसे में आर्थिक दिक्कत होती है। बहुत सी मितानिनें पूर्ण सेवाभाव से काम करती हैं तो यह भी आरोप है कि कईयों ने योजनाओं का लाभ दिलाने के एवज में कमीशन का जरिया बना लिया है।
0 परिजन की अनुपस्थिति में ही मितानिनों को प्रवेश
घटना के बाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधिष्ठाता(डीन) डॉ. अविनाश मेश्राम ने चिकित्सकों की बैठक ली। उपस्थित चिकित्सकों ने इलाज के दौरान नियमों की अनदेखी से होने वाली परेशानी से अवगत कराया। उनसे रूबरू होने के बाद प्रसव कक्ष सहित प्रतिबंधित क्षेत्र में बिना अनुमति प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। अब नियमानुसार प्रसव कक्ष में प्रसुता के साथ एक महिला परिजन ही जा सकते हैं। उनकी गैर मौजूदगी में ही मितानिनों को भीतर प्रवेश दिया जाएगा।