बालको प्रबंधन के खिलाफ कांग्रेस का हल्ला बोल: पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने जिला प्रशासन पर भी लगाए गंभीर आरोप
कोरबा : कोरबा में वेदांत समूह संचालित बालको प्रबंधन के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने आज कांग्रेस कार्यालय टीपी नगर में पत्रकार वार्ता में कहा कि बालको प्रबंधन द्वारा जन विरोधी और नियम विरुद्ध कार्यशैली अपनाई जा रही है, जिस पर जिला प्रशासन को अंकुश लगाना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस संबंध में कोरबा जिला प्रशासन को अवगत कराते हुए और नियमानुसार कार्यवाही के लिए अनेक बार पत्र लिखे गए। उन्होंने जिला प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे लगता है कि बालको प्रबंधन को अपनी मनमर्जी चलाने की अलिखित और अघोषित स्वीकृति मिली हुई है।

वन भूमि पर अवैध कब्जा
पूर्व मंत्री अग्रवाल ने कहा कि बालको के फ्लाई ऐश डाईक के बगल में बसे हुए ग्राम रुकबहरी में लो लाईन ऐरिया में राखड का भराव करने के बाद वहां सघन वृक्षारोपण की योजना को मूर्तरूप देने के लिए बालको प्रबंधन द्वारा वन विभाग की 5 एकड़ भूमि का उपयोग करने की अनुमति प्राप्त की गई थी। वन विभाग से अनुमति मिल जाने के बाद बालको प्रबंधन द्वारा उस क्षेत्र में केवल राखड पाटने का कार्य किया जाने लगा और जानकारी के अनुसार वर्तमान समय में बालको द्वारा लगभग 30 एकड़ वन भूमि पर कब्जा कर लिया गया है। इस संबंध में यह भी अवगत कराया गया था कि ऐश डाईक से रिसाव होने वाले पानी को बेलगिरी नाला में जाने से रोकने के लिए कांक्रीट की टंकियां बनवाई गई हैं जिनमें दिन भर तो पानी एकत्र होता है और रात के समय उन टंकियों के पानी को बेलगिरी नाला में ड्रेन कर दिया जाता है। इसकी वजह से नेहरूनगर, परसाभाठा व बेलगिरी बस्तियों के हजारों निवासियों को निस्तारी के लिए राखड्युक्त दूषित पानी का उपयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। ऐश डाईक से उड़ने वाली राख के गुबार से वहां के निवासियों का जीवन दुस्वार हो गया है और अनेक बीमारियों से वे ग्रसित हो रहे हैं जिनमें अस्थमा, चर्मरोग व फेफड़े संबंधी बीमारियां प्रमुख हैं।
फ्लाई ऐश का मुद्दा : राखड़ से चौतरफा प्रदूषण
श्री अग्रवाल ने बताया कि बालको प्रबंधन द्वारा सड़क मार्ग से परिवहन किए जाने वाले फ्लाई ऐश वाहन को नियमानुसार तिरपाल से नहीं ढ़के होने के कारण भारी मात्रा में फ्लाई ऐश सड़क पर गिरता हैं और लगातार भारी वाहनों की आवा जाही से हमेशा धूल का गुबार उठते रहता है जिसकी वजह से दुपहिया वाहनों से सड़को पर चलने वाले लोगों को भारी असुविधा का समाना करना पड़ता है और कई बार वे दुर्घटना के शिकार भी बनते हैं। इसके साथ ही सड़क के किनारे निवासरत लोगों का सॉस लेना दूभर हो गया है।
बालको संयंत्र से निस्तारित फ्लाई ऐश को रात के अंधेरे में खाली पड़े सुनसान इलाकों में कहीं भी डम्प कर दिया जाता है जिसकी वजह से अंधड़ आदि चलने की स्थिति में समूचा क्षेत्र राखड़ के गुबार से ढक जाता है।
सड़क चौड़ीकरण का कार्य नहीं हुआ
श्री अग्रवाल ने यह भी कहा कि बालकोनगर बजरंग चौक से लेकर परसामाटा बाजार चौक तक मारी वाहनों का दबाव बहुत ज्यादा रहता है और पाय जाम की स्थिति बनी रहती है। उसी मार्ग पर विगत एक-दो वर्षों में कई गभीर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें से दो मौत भी हो चुकी हैं। उस समय जिला प्रशासन की मध्यस्थता में हुई बैठक में बालको ने उक्त मार्ग का चौड़ीकरण कराए जाने की बात स्वीकार की थी जिसपर अभी तक कोई काम नहीं किया गया है। ऐसा लगता है কি जिला प्रशासन व बालको प्रबंधन को उका मार्ग पर और दुर्घटनाओं का इंतजार है।
स्थानीय कर्मचारियों के साथ व्यापक पैमाने पर भेदभाव
श्री अग्रवाल ने बताया कि संयंत्र संचालन में बालको प्रबंधन द्वारा स्थानीय कर्मचारियों के साथ व्यापक पैमाने पर भेदभाव की नीति अपनाई जाती है। प्रबंधन यह भूल जाता है कि इस संयंत्र की नींव ही स्थानीय लोगों ने रखी और उनके ही खून पसीने की बदौलत बालको संयंत्र पल्लवित व विकसित हुआ। आज भी जमीनी स्तर पर स्थानीय कर्मचारियों की मेहनत का ही नतीजा है कि वेदान्त समूह भरपूर मुनाफा कमा रहा है। आश्चर्य होता है कि सुविधाओं के नाम पर प्रबंधन बेदान्त समूह के कर्मचारियों और पुराने व स्थानीय कर्मचारियों के बीच बड़े पैमाने पर भेदभाव की नीति पर काम करता है जिनमें पदोन्नति और इन्सेंटिव के मामले प्रमुख हैं।
जन सुनवाई में किया था वादा..अब स्थानीय बेरोजगार युवाओं नहीं दिया जा रहा रोजगार
श्री अग्रवाल ने आरोप लगाते हुए बताया कि बालको प्रबंधन संयंत्र विस्तार परियोजना के तहत आयोजित की गई जन सुनवाई के दौरान यह वायदा किया गया था कि स्थानीय युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। बालको की जन सुनवाई पूरी हुए लगभग तीन साल से ज्यादा समय बीत गया है और विस्तार परियोजना का कार्य तेजी से थल रहा है जिसमें केवल मजदूर वर्ग में ही कुछ लोगों को अवसर मिल सका है जबकि तकनीकी रूप से भी स्थानीय युवा पूरी तरह से सक्षम हैं लेकिन तकनीकी कार्यों के लिए प्रबंधन ने स्थानीय लोगों की उपेक्षा करते हुए बाहरी लोगों को भर्ती के अवसर प्रदान किया है।
प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजे के साथ नियमानुसार बसाहट नहीं दिए
श्री अग्रवाल ने पत्रकार वार्ता में कहा कि बालकोनगर में निर्मित कूलिंग टॉवर से शांतिनगर के प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजे के साथ नियमानुसार बसाहट दिए जाने एवं योग्य युवाओं को बालको में रोजगार प्रदान किए जाने के संबंध में पत्राचार किया गया। पत्र में इस बात का विशेष तौर पर उल्लेख किया गया है कि वर्ष 2010 से 2013 के बीच कूलिंग टॉवर निर्माण से प्रभावित परिवारों द्वारा उग्र आन्दोलन किए जाने के बाद प्रबंधन द्वारा अनेक बैठके आयाजित की गई। हर बैठक में प्रबंधन की ओर से मौखिक आश्वासन देकर शांतिनगर के निवासियों को केवल गुमराह किया जाता रहा है और प्रबंधन की ओर से केवल उनको आश्वासन ही मिलते रहे हैं। इस संबंध में शांतिनगर के निवासियों ने बताया था कि एस.डी.एम. कोरबा ने भी प्रबंधन के साथ मिलकर शांतिनगर के निवासियों की समस्याओं पर बैठकें कर चुके हैं लेकिन नतीजा केवल आश्वासन तक ही सीमित रह जाता है।
निर्माण कार्य की अनुमति नहीं ली..
श्री अग्रवाल ने बताया कि बालकोनगर स्थित अम्बेडकर स्टेडियम का नव निर्माण कार्य करवाया जा रहा है जिसके लिए संबंधित विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई है। बिना अनुमति लिए बालको प्रबंधन द्वारा करवाए जा रहे निर्माण कार्यों से प्रशासन को लाखों रूपये के राजस्व की हानि हो रही है।
गंभीर आरोप:बहुमंजिली इमारत के लिए वृक्षों की कटाई
श्री अग्रवाल ने गंभीर आरोप लगाते हुए बालकोनगर सेक्टर-6 बी और सी टाईप वाले खाली पड़े हुए क्षेत्र में प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों के लिए बहुमंजिली इमारते बनाने की परियोजना पर कार्य आरंभ हो चुका है। उक्त क्षेत्र में हजारों की संख्या में फलदार व छायादार विकसित वृक्ष मौजूद है। जानकारी के अनुसार उन वृक्षों की कटाई करवाने के स्थान पर अन्यत्र स्थानांतरित करवाने की अनुमति संबंधित विमान द्वारा दी गई है लेकिन प्रबंधन द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है। अपनी परियोजना को मूर्तरूप देने के लिए बालको प्रबंधन द्वारा सीधे वृक्षों की कटाई की जा रही है।
सड़क को बंद करने की योजना पर कार्य
श्री अग्रवाल ने बताया कि बालकोनगर मिनीमाता चौक से इंदिरा मार्केट व मदरापारा को जोड़ने वाली लगभग 50 साल पुरानी सड़क की साजिश के तहत बाऊण्ड्री वॉल बनाकर बन्द करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। ऐसे किए जाने पर टाऊनशिप में रहनेवाले लोगों का संपर्क मदरापान व इंदिरा मार्केट तक जाने आने एवं मरापारा व इंदिरा मार्केट के लोगों का टाऊनशिप में आना जाना बन्द हो जाएगा।
सड़क मार्ग हेतु आवश्यक भूमि पर ही बाऊण्ड्री वॉल
श्री अग्रवाल ने यह भी खुलासा करते हुए कहा कि कोरबा विकास योजना 2031 के तहत बालको बस स्टैण्ड से कॉफी प्वाईट तक जानेवाले मार्ग को 150 फिट चौड़ा बनाया जाना है। प्रबंधन द्वारा सेक्टर 6 क्षेत्र में बाऊण्ट्री वॉल बनाने की योजना से सड़क मार्ग हेतु आवश्यक भूमि पर ही बाऊण्ड्री वॉल बनाए जाने की योजना के तहत प्रथम चरण में कांटेदार तार से घेरकर बन्द किया गया है।
अब उसी स्थान पर बाऊण्ड्री वॉल बनाने के लिए नींव की खुदाई का कार्य आरंभ कर दिया गया है जबकि बालको प्रबंधन को बाऊण्डी वॉल बनाए जाने की अनुमति ही नहीं मिली है। उस स्थान पर बाऊण्ड्री वॉल बनाए जाने से बाद में सड़क का चौड़ीकरण कार्य रुक जाएगा।
किसी भी आपदा की स्थिति में कारखाना नियमावली के तहत हर बड़े संयंत्र में 15 दिनों के लिए संरक्षित जल भंडार रखना आवश्यक होता है।
बालको प्रबंधन के पास 15 दिनों के लिए जल संरक्षित किए जाने की कोई व्यवस्था नहीं है। नियम विरूद्ध कार्यशैली अपनाते हुए मानमाने तरीके से कार्य करने व स्थानीय हितों की उपेक्षा करने की इजाजत बालको प्रबंधन को किसी भी हाल में नहीं दी जा सकती।
श्री अग्रवाल ने कहा कि यदि अब भी जिला प्रशासन इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाता है तो व्यापक पैमाने पर व्याप्त जन आक्रोश कभी भी विस्फोटक रूप धारण कर सकता है जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी जिला प्रशासन व बालको प्रबंधन की होगी।
पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा की आवश्यकता पड़ी तो तमाम मुद्दों के लेकर कांग्रेस आंदोलन करेगी, श्री अग्रवाल ने यह भी कहा की मेरे द्वारा उठाए गए जनहित के मुद्दे यदि गलत थे तो इसका खंडन बालको प्रबंधन और प्रशासन को करना चाहिए। लेकिन उन्होंने एक भी मुद्दे का खंडन नही किया। उन्होंने कहा कि इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि बगैर किसी शह के बालकों प्रबंधन नियम विरुद्ध कार्य करने की हिम्मत जुटा सकता हैं । श्री अग्रवाल ने कहा यह भी अपने आप में एक गंभीर बात है ।

पत्रकार वार्ता में पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के साथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष द्व्य मनोज चौहान, नत्थूलाल यादव, पूर्व महापौर राजकिशोर प्रसाद, पूर्व सभापति श्याम सुंदर सोनी, संतोष राठौर, कांग्रेक नेता श्रीकांत बुधिया, सत्येन्द्र वासन , बीएन सिंह, विकास सिंह सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस और महिला कांग्रेस के पदाधिकारी उपस्थित थे।