Uncategorized

दिग्विजय सिंह बोले मुझे “गद्दार” बताने वाले पोस्टर के पीछे नाथूराम गोडसे के “समर्थकों” का हाथ

देश भर के लगभग सभी विपक्षी दलों ने वक्फ बिल की खिलाफत की लेकिन संसद ने इसे घंटो चर्चा के बाद पास कर कानून बना दिया। जिसमें कांग्रेस सबसे आगे रही। इसी सिलसिले में मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी इस कानून का विरोध किया। अब इसे लेकर उन्हें बीजेपी युवा मोर्चा ने उन्हें गद्दार बता दिया है और पोस्टर भी लगा दिए हैं, पोस्टर सामने आने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसका पुरजोर विरोध किया है।

इंदौर, 14 अप्रैल। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यदिग्विजय सिंह ने सोमवार को दावा किया कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम के मुद्दे को लेकर मध्यप्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर विवादास्पद पोस्टर लगाने के पीछे महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के “समर्थकों” का हाथ है।

इन पोस्टर में सिंह को “गद्दार” बताया गया था।मध्यप्रदेश, सिंह का गृहराज्य है जहां वह 1993 से 2003 तक 10 साल तक मुख्यमंत्री रहे थे।

इंदौर और राज्य के अन्य शहरों में हाल में लगाए गए विवादास्पद पोस्टर पर छपा था- “वक्फ बिल का विरोध करने वाले दिग्विजय सिंह।”

पोस्टर में दिग्विजय सिंह (78) की तस्वीर पर एक सील के ठप्पे का निशान भी बनाया गया था जिस पर छपा था-“वतन के, धर्म के, पूर्वजों के गद्दार।”

यहां महू नाका चौराहा पर लगाए गए ऐसे पोस्टर के नीचे “भारतीय जनता युवा मोर्चा, इंदौर महानगर” छपा था। इसके खिलाफ कांग्रेस शहर के छत्रीपुरा थाने में शिकायत कर चुकी है।

विवादास्पद पोस्टर को लेकर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर सिंह ने महू में “पीटीआई-भाषा” से कहा, “जो लोग गोडसे का समर्थन कर रहे हैं, वे मुझे गद्दार कहते हैं। असल में ये लोग गद्दार हैं।”

उन्होंने कहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम, संविधान के प्रावधानों के खिलाफ है और इस कानून के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर हो चुकी है।

सिंह ने कहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर उनके रुख को लेकर उनका विरोध सिर्फ इसलिए किया जा रहा है क्योंकि वह “महात्मा गांधी और डॉ. भीमराव आम्बेडकर के अनुयायी” और “भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दुश्मन” हैं।

सिंह, आम्बेडकर की 134वीं जयंती पर उनकी जन्मस्थली महू पहुंचे और संविधान निर्माता को श्रद्धांजलि दी। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि आम्बेडकर की विरासत को लेकर दलगत राजनीति नहीं की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा, “आम्बेडकर का बनाया संविधान सर्वसम्मति से पारित किया गया था। इसलिए इस विषय में किसी भी पार्टी द्वारा श्रेय लिया जाना उचित नहीं है।”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker