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उफ़ गर्मी: कोरबा जिले के जलाशय इस बार अप्रैल के शुरुआत में ही जवाब देने लगे… पड़ सकता हैं जल संकट का सामना

इस साल 40 जलाशयों में औसत 25 प्रतिशत पानी का भराव है

कोरबा। कोरबा जिले के जलाशय इस बार अप्रैल के शुरुआत में ही जवाब देने लगे हैं। इस साल 40 जलाशयों में औसत 25 प्रतिशत पानी का भराव है। पिछले साल इसी अवधि में 30 प्रतिशत से अधिक पानी का भराव था। अभी गर्मी का समय अप्रैल व मई बाकी है।

ऐसे में आगे जलसंकट का सामना करना पड़ सकता है।बांगो बांध में भी इस साल अभी 36.81 प्रतिशत पानी है, जो चार साल में सबसे कम है। इसके बाद भी बागों में पानी की कमी नहीं होगी। 40 जलाशयों में से सिर्फ 3 जलाशयों में ही 50 प्रतिशत से अधिक पानी का भराव है। बाकी जलाशयों में 5 से 35 प्रतिशत ही पानी बचा है। ग्रामीण क्षेत्रों में जलाशय, तालाब, एनीकट और कुएं भू-जल स्रोत बढ़ाने का एक बड़ा माध्यम है।

भू-जल स्रोत बेहतर होने से जलस्तर में कम गिरावट आती है। गर्मी के समय ग्रामीण क्षेत्रों में हर साल पानी की समस्या होती है, लेकिन इस बार तो पहले से ही इसकी आहट शुरू हो गई है। बांगो बांध में भी जलस्तर 346.62 मीटर और पानी का भराव 1065.53 मिलियन घन मीटर दर्ज किया गया, जो कुल भराव का 36.81 प्रतिशत है। बांध में यह चार साल में सबसे कम पानी है। हालांकि औद्योगिक संस्थानों और रबी फसल के लिए पानी की कमी नहीं होगी। खरीफ फसल के लिए भी पानी दे सकते हैं।करतला व पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक में 7-7 जलाशय कोरबा जिले के पाली ब्लॉक में सबसे अधिक 20 जलाशय हैं। जिसकी क्षमता 12.942 मिलियन घन मीटर क्षमता है। लेकिन अभी 3 मिलियन घन मीटर से भी कम पानी बचा है।

करतला और पोड़ी-उपरोड़ा ब्लॉक में 7-7 जलाशय हैं। करतला ब्लॉक में 11.11 प्रतिशत और पोड़ी-उपरोड़ा में 42 प्रतिशत पानी का भराव है। कोरबा ब्लॉक के 2 जलाशयों में तो 14.53 प्रतिशत से भी कम पानी बचा है।इन जलाशयों के गेट के नीचे पहुंच गया पानी कटघोरा ब्लॉक के अरदा, घनाकछार, झोंकानाला, पोड़ी-उपरोड़ा ब्लॉक के डौकाबुड़ा, पाली ब्लॉक के सैला, शिवपुर, जमनीमुड़ा, बम्हनीकोना प्रमुख हैं। इसके अलावा करतला ब्लॉक के चीताखोल, नवापारा, जुनवानी, केहरा नाला जलाशयों में 4 से 20 प्रतिशत तक ही पानी का भराव है। कोरबा ब्लॉक में बेला, बताती भी जवाब देने लगा है।

30 मीटर के बाद हैंडपंप में पाइप बढ़ाने की जरूरत पीएचई के अनुसार 30 मीटर भू-जल स्तर गिरने के बाद ही पाइप बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। इस बार ऐसी स्थिति नहीं आई है। अलग-अलग क्षेत्रों में भू-जल स्तर में गिरावट में अंतर रहता है। पहाड़ी क्षेत्रों में यह समस्या अधिक आती है। जलाशयों में सिंचाई के लिए नहीं बचा पानी एस.एल. द्विवेदी जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता एस.एल. द्विवेदी का कहना है कि पिछले साल की अपेक्षा जलस्तर में अधिक गिरावट आई है। सिंचाई के लिए पानी नहीं दे रहे हैं। निस्तार के लिए पानी बचाकर रख रहे हैं। बांगो से सिंचाई के लिए पानी की नहीं होगी कमी एस.के. तिवारी हसदेव बांगो परियोजना के कार्यपालन अभियंता एस.के. तिवारी का कहना है कि इस साल बांध के जल स्तर में कमी तो आई है, लेकिन आगे सिंचाई और उद्योगों के लिए पानी की कमी नहीं होगी। अभी रबी फसल के लिए पानी दे रहे हैं। अप्रैल तक पानी नहरों में छोड़ा जाएगा।

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