देवेन्द्र फडणवीस का शायराना अंदाज “मेरा पानी उतरता देख कर किनारे घर मत बनाना, मैं समंदर हूं लौटकर आऊंगा..”.. महाराष्ट्र में फिर से समंदर वापस लौटा.,अटल जी के साथ खड़ा ये बच्चा तीसरी बार मुख्यमंत्री बन रहा हैं
महाराष्ट्र को आज अपना नया मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर सीएम पद की शपथ लेने जा रहे हैं.
देवेंद्र फडणवीस का सियासी सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है. इसी कड़ी में साल 2019 भी आता है. ये वही साल था जब देवेंद्र फडणवीस को आनन-फानन में विधानसभा में इस्तीफा देना पड़ा था. उनके इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने मिलकर नई सरकार का गठन किया था.
उस दौरान देवेंद्र फडणवीस को सत्ता छोड़नी पड़ी थी. हालांकि, इसके बाद उन्होंने विधानसभा में जो भाषण दिया था वो बेहद याद किया जाता है. अपने उस भाषण के दौरान देवेंद्र फडणवीस ने शायराना अंदाज में कहा था कि मेरा पानी उतरता देख मेरे किनारे पर घर बसा लेना, मैं समंदर हूं लौटकर वापस आऊंगा.
ढाई साल बाद वो वाकई लौटकर आए, लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि उपमुख्यमंत्री के रूप में. BJP ने शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया. फडणवीस को दिल पर पत्थर रखकर यह फैसला कबूल करना पड़ा.डिमोशन के बाद भी फडणवीस ने एक कार्यकर्ता की तरह ही बर्ताव किया. नतीजा ये रहा कि महाराष्ट्र में आज की तारीख में वो BJP के सबसे ताकतवर और भरोसेमंद नेता माने जाते हैं.
अबकी बार BJP के गठबंधन के पार्टनर बदल गए हैं. जो नहीं बदला, वो है फडणवीस की राजनीतिक हनक. शायद इसलिए महाराष्ट्र में फिर से समंदर वापस लौटा. इस बार मुख्यमंत्री बनकर. देवेंद्र फडणवीस गुरुवार को तीसरी बार महाराष्ट्र के CM बनने जा रहे हैं.
अटल जी को अपना प्रेरणाश्रोत मानते रहे
देवेंद्र फडणवीस का देश के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के साथ स्पेशल बॉन्ड रहा है. आज जब वह एक बार फिर शपथ लेने जा रहे हैं तो उनकी अटल बिहारी वाजपेयी के साथ एक पुरानी फोटो वायरल हो रही है. देवेंद्र फडणवीस से शुरू से ही अटल बिहारी वाजपेयी को अपना प्रेरणाश्रोत मानते रहे हैं. यही वजह है कि कुछ दिन पहले जब उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक वीडियो पोस्ट किया तो उसमें अटल बिहारी वाजपेयी के भाषण को अंश को भी शामिल किया.
बता दे कि देवेंद्र फडणवीस का अटल बिहारी वाजपेयी से काफी पुराना कनेक्शन रहा है. देवेंद्र फडणवीस के दिवंगत पिता गंगाधरराव फडणवीस का अटल बिहारी वाजयेपी के साथ काफी अच्छे संबंध थे. लेकिन अगर बात देवेंद्र फडणवीस और अटल बिहारी वाजपेयी की मुलाकात की करें तो इसका श्रेय बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे प्रमोद महाजन को जाता है. उन्होंने पहली बार देवेंद्र फडणवीस को अटल बिहारी वाजपेयी से मिलाया था. उनकी यह पहली मुलाकात नागपुर में हुआ था. उस दौरान फडणवीस अटल बिहारी का ऑटोग्राफ चाहते थे. कुछ देर बाद फड़णवीस को वाजपेयी से मिलने का मौका मिला. उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ, जब अटल बिहारी वाजपेयी ना सिर्फ उनसे गर्मजोशी से मिले बल्कि उनके काम के लिए उन्हें शाबाशी भी दी.
नागपुर के सबसे युवा मेयर से लेकर अब तक के सफर ने उन्हें राज्य के प्रमुख नेताओं में शामिल कर दिया था।
1) प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
=22 जुलाई 1970 को नागपुर में गंगाधर फडणवीस और सरिता फडणवीस के घर जन्मे देवेंद्र का बचपन राजनीति के माहौल में बीता। उनके पिता जनसंघ के सदस्य थे और आपातकाल के दौरान जेल भी गए। इस घटना ने देवेंद्र की विचारधारा को गहराई से प्रभावित किया।
=उन्होंने इंदिरा गांधी के नाम पर बने स्कूल में पढ़ाई करने से इनकार कर दिया और नागपुर के सरस्वती विद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी की। देवेंद्र ने नागपुर यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने बिजनेस मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री और जर्मनी से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में डिप्लोमा भी हासिल किया है।
2) राजनीतिक सफर की शुरुआत
1992: नागपुर नगर निगम के पार्षद के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत की।
1997: 27 साल की उम्र में नागपुर के सबसे युवा मेयर चुने गए।
1999: पहली बार नागपुर पश्चिम से महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।
2009 से नागपुर दक्षिण पश्चिम से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं।
2014-2019: महाराष्ट्र के दूसरे सबसे युवा मुख्यमंत्री बने। बीजेपी को पहली बार राज्य में पूर्ण बहुमत दिलाया।
2022-2024: एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में डिप्टी सीएम के रूप में कार्य किया, जिससे राज्य में बीजेपी की स्थिति और मजबूत हुई।
3) फडणवीस की हालिया उपलब्धियां
2024 विधानसभा चुनाव: देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी महायुति गठबंधन ने 288 सदस्यीय विधानसभा में ऐतिहासिक 235 सीटें जीतीं। बीजेपी ने अकेले दम पर 132 सीटों पर जीत दर्ज की है, जो गठबंधन में सबसे ज्यादा हैं।
2019 चुनाव में झटका: शिवसेना के साथ गठबंधन टूटने के बाद फडणवीस ने अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बनाई, लेकिन यह केवल 5 दिन चली। इसके बाद उन्होंने विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया।
2022: एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में डिप्टी सीएम बनने का फैसला आलोचनाओं के बावजूद एक दूरदर्शी कदम साबित हुआ, जिससे 2024 में बीजेपी को बड़ी जीत मिली।
4) नेतृत्व शैली और विचारधारा
बीजेपी और आरएसएस के प्रति समर्पित फडणवीस अपनी अनुशासित और रणनीतिक नेतृत्व शैली के लिए जाने जाते हैं। उनकी लीडरशिप कैपेसिटी ने उन्हें महाराष्ट्र की राजनीति में एक अपरिहार्य नेता बना दिया है।
5) व्यक्तिगत जीवन और संपत्ति
फडणवीस और उनकी पत्नी अमृता फडणवीस की कुल संपत्ति करीब 13 करोड़ रुपए है। 2023-24 में उन्होंने 38.7 लाख रुपए वार्षिक आय घोषित की। पत्नी अमृता, बैंकिंग क्षेत्र में कार्यरत होने के साथ-साथ एक गायिका भी हैं।
6) शरद पवार और वसंतराव की बराबरी
तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे फडणवीस अब वसंतराव नाईक और शरद पवार जैसे महाराष्ट्र के दिग्गज नेताओं की कैटेगरी में शामिल हो जाएंगे। नागपुर के सबसे युवा मेयर से लेकर तीन बार मुख्यमंत्री बनने तक का उनका सफर उनके राजनीतिक कौशल और नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है।