महाराष्ट्र:सीएम का फैसला रविवार देर रात नहीं हो पाया,एकनाथ शिंदे दोबारा मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर अड़ गए .. भाजपा ले सकती हैं चौंकाने वाला फैसला
मुंबई महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे शनिवार को घोषित कर दिए गए। महायुति ने 288 में से 235 सीटें जीत ली हैं। लेकिन पूर्ण बहुमत मिलने के बाद भी महायुति सरकार 2.0 के गठन में सीएम पद को लेकर पेंच फंस गया है।
क्योंकि महायुति में शामिल शिवसेना प्रमुख एवं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दोबारा मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर अड़ गए हैं। उन्होंने शनिवार को स्पष्ट कह दिया था कि सीएम पद के लिए ज्यादा विधायक का कोई फॉर्मूला तय नहीं हुआ था।
मुख्यमंत्री पद पर शिंदे के अड़ंने के कारण रविवार की देर रात तक महायुति में सीएम फेस को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाया। फिलहाल गेंद दिल्ली के पाले में डाल दी गई है और अंतिम निर्णय के लिए दिल्ली के आदेश का मुंबई में इंतजार किया जा रहा है। इसलिए नई सरकार के शपथ विधि को लेकर फिलहाल राजभवन में कोई हलचल नहीं चल रही है।
विधानसभा चुनाव में महायुति को बहुमत मिलने के बाद सीएम पद को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है।इसी के साथ-साथ महायुति में दबाव तंत्र का प्रयोग भी शुरू हो गया है।
महाराष्ट्र: 21-12-10 के फार्मूले में होगा मंत्रीमंडल का गठन
महाराष्ट्र विधानसभा में जीत के बाद महायुति ने सरकार बनाने की कवायद तेज कर दी हैं। भाजपा ने सबसे अधिक 132 सीट जीती हैं।57 सीटों के साथ एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना दूसरे स्थान पर है वहीं अजीत पवार की पार्टी तीसरे स्थान पर है 41 सीट पर जीत दर्ज की है। सूत्रों के अनुसार महायुति के सभी दलों के बीच मंत्रिमंडल पर सहमति बन गई है।
सूत्रों के मुताबिक तीनों दल 21-12-10 के संभावित फार्मूले पर सहमत दिख रहे हैं। फॉर्मूले के तहत भाजपा के 21, शिवसेना के 12 और एनसीपी के 10 मंत्री होंगे। कैबिनेट फार्मूले पर शुरुआती बात हो चुकी है। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री समेत कुल मंत्रीयो की अधिकतम संख्या 43 हो सकती हैं।
26 नवंबर को खत्म होगा सरकार कार्यकाल
दूसरी तरफ 2019 विधानसभा चुनाव में निर्वाचित हुए विधायकों का कार्यकाल 26 नवंबर (मंगलवार) को समाप्त हो रहा है। इससे पहले चुनाव आयोग को 2024 विधानसभा चुनाव में निर्वाचित हुए विधायकों की सूची राज्यपाल को सौंपनी होगी। तो वहीं 2019 में चुने गए सभी विधायक मंगलवार से पूर्व विधायक बन जाएंगे।
अर्थात सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्वाली मौजूदा महायुति सरकार का सोमवार को आखिरी दिन है। ऐसे में नई सरकार के गठन में पेंच फंसने पर राज्यपाल मौजूदा सरकार को कार्यवाहक सरकार के रूप में मंजूरी देते हैं या फिर राष्ट्रपति शासन घोषित करते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है।
सीएम पद लिए होगी सामूहिक चर्चा
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तीनों दलों के वरिष्ठ नेता एक साथ बैठेंगे और चर्चा करेंगे। जिस तरह हमने चुनाव लड़ा, उसी तरह हम मुख्यमंत्री पद को लेकर भी सामूहिक चर्चा करेंगे और निर्णय लेंगे।
भाजपा ले सकती है छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसा चौंकाने वाला फैसला
दरअसल पिछले कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद नए सीएम के नाम को देखें तो लोगों की उम्मीद से अलग हटकर नाम सामने आए हैं। बात करें मध्यप्रदेश की तो यहां शिवराज सिंह चौहान रेस में सबसे आगे थे, लेकिन अंतिम समय में मोहन यादव का नाम सामने आया। वहीं, छत्तीसगढ़ में भी जनता को ये लग रहा था कि ओपी चौधरी या रमन सिंह को सीएम बनाया जा सकता है, लेकिन विष्णुदेव साय पर पार्टी ने मुहर लगाई। ऐसा ही राजस्थान में भी देखने को मिला। यहां वसुंधरा राजे ने ऐंड़ी चोटी का जोर लगाया, लेकिन अंतिम समय में पर्ची खुली और भजनलाल शर्मा का नाम सामने आया। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि महाराष्ट्र में मोदी-शाह की जोड़ी शिंदे-फड़नवीस को साइड करके नया कोई चेहरा सीएम के लिए फाइनल कर सकते हैं।
पंकजा मुंडे
सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र के सीएम के तौर पर सबसे आगे पंकजा मुंडे का नाम चल रहा है। भाजपा के दिग्गज नेता रहे गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे महाराष्ट्र विधान परिषद की सदस्य हैं। वे राज्य में कई महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल चुकी हैं। ओबीसी समाज में उनकी गहरी पैठ मानी जाती है। बीड क्षेत्र में उनके परिवार का सियासी दबदबा रहा है।