रतन टाटा के अंतिम दर्शन करने आया प्यारा दोस्त “गोवा”..दिखा काफी बैचेन… दृश्य देखकर गमगीन हुआ माहौल
मुंबई: जब रतन टाटा के पार्थिव शरीर के पास उनके लाडले डॉग गोवा को अंतिम दर्शन के लिए लाया गया.और फिर उसे ले जाने की कोशिश की गई किंतु वह वहां से जाने को तैयार ही नहीं था.अपने मालिक की देह को गोवा लगातार निहारता रहा और बेचैन होता रहा। यह दृश्य देखकर वहां माहौल और ज्यादा गमगीन हो गया और लोग फफक कर रो पड़े.
रतन टाटा के मुंबई हाउस में रहने वाले गोवा को रिश्तेदार और कर्मचारी मुंबई के नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ परफार्मिंग आर्ट्स सेंटर ले गए । यहां रतन टाटा के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था.
बता दे कि रतन टाटा का कुत्तों के प्रति प्यार जगजाहिर है। बचपन से लेकर अब तक वे कुत्तों से प्यार करते रहे। उनकी संरक्षण में कई कुत्तों की देखभाल होती है।
यहां तक कि मुंबई में होटल ताज के परिसर में भी कुत्तों की आवाजाही या एंट्री पर कोई रोक नहीं है। रतन टाटा ने इस बारे में साफ और सख्त निर्देश जारी कर रखे थे कि ताज होटल के परिसर में बैठे या घूमते किसी भी कुत्ते को कोई नहीं भगाएगा। यहां तक कि खुद रतन टाटा ने कई कुत्ते पाल रखे थे।
अब जब रतन टाटा नहीं रहे हैं और 10 अक्टूबर की शाम 4 बजे करीब उनका अंतिम संस्कार किया गया तो उनके साथ रहने वाला उनका एक कुत्ता गोवा उनके शव के पास से हटने के लिए तैयार नहीं था। जब अंतिम संस्कार के पहले टाटा की पार्थिव देह दर्शन के लिए रखी गई तो वहां उनके कुत्ते गोवा को भी लाया गया। लेकिन जब दर्शन के बाद उसे फिर से ले जाया गया तो गोवा वहां से हटने के लिए तैयार नहीं था। वो लगातार देह के पास रहने की कोशिश करता रहा। अपने मालिक की देह को गोवा लगातार निहारता रहा और बेचैन होता रहा। यह दृश्य देखकर वहां माहौल और ज्यादा गमगीन हो गया और वहां मौजूद हर शख्स फफककर रो पड़ा।
गोवा नाम का यह कुत्ता रतन टाटा के बेहद करीब था। काले रंग के गोवा को टाटा कुछ साल पहले गोवा से रेस्क्यू किया था. घायल कुत्ते को रेस्क्यू कर मुंबई लाए थे और उसकी देखभाल की थी.इसे गोवा से लाए थे, जिसके बाद इसका नाम ‘गोवा’ रखा गया।