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“यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा….” पालन कराने में उदासीनता बरतते हैं अधिकारी

कोरबा। प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा कोई भी आदेश जारी करते वक्त यह निर्देश खासकर तबादला के मामलों में जरूर दिए जाते हैं कि- “यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा” लेकिन दूसरी तरफ तत्काल प्रभावशील होने वाले आदेश का पालन करने-कराने में नि:संदेह संबंधित अधिकारियों की उदासीनता और कर्मचारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैय्या के कारण सिर्फ अधिकारी के आदेश का पालन एक-दो दिन नहीं बल्कि सप्ताह भर से अधिक समय और कई बार तो 15 दिन तक, महीने भर तक लंबित रह जाता है।
अभी हाल ही में जिला पंचायत सीईओ के द्वारा प्रशासनिक व्यवस्था के तहत और शिकायतों की जांच के संबंध में पुष्टि पाए जाने उपरांत तबादला आदेश जारी किए गए जिससे आधा दर्जन से अधिक सचिव प्रभावित हुए हैं।
विडम्बना यह है कि आदेश जारी करने के बाद भी इन्होंने नई पदस्थापना स्थल पर 9 दिन बाद भी ना तो कार्यभार संभाला है और ना ही इसके लिए जनपद के अधिकारी ने इन्हें कार्य मुक्त करना मुनासिब समझा है। पूछे जाने पर यह कारण जरूर बताया जाता है कि मेरे हाथ में आदेश नहीं आया है। अभी जबकि अधिकांश निर्देश और आदेश व्हाट्सएप मैसेज के जरिए दिए और क्रियान्वित कराए जा रहे हैं साथ ही संबंधित पत्र भी क्रियान्वयन के लिए प्रेषित किया जाता है तो क्या उसे निर्देश नहीं समझा जाता ? यदि समझा जाता है तो अन्य आदेश-निर्देश की तरह तबादला आदेश का पालन करने में कोताही क्यों बरती जा रही है। अगर आदेश डाक के जरिए भेजे जाने की व्यवस्था होती है तो भी जिले के भीतर इसके पहुंचने के साथ पालन करने में लंबा समय लगना संदेहास्पद हो जाता है।

0 निराशा म3 बदलने लगती है उम्मीद

इस तरह की अव्यवस्था के कारण संबंधित पंचायतों में, खासकर शिकायत वाले पंचायत में जहां कि सचिव के महीनों तक नहीं पहुंचने से सचिव आधारित कामकाज बाधित होते रहे और नई पदस्थापना करने के बाद इस उम्मीद में कि चलो, अब तो राहत मिलेगी और हमारे अटके हुए कम होंगे, वह उम्मीद भी निराशा में बदलने लगती है। आदेश जारी करने वाले शीर्ष अधिकारियों को चाहिए कि वे अपने निर्देशों का पालन यथा संभव 1 से 2 दिन के भीतर कराया जाना सुनिश्चित करें ताकि लापरवाह कर्मचारियों की मनमानी ना बढ़े और उन पर आश्रित ग्रामवासियों, हितग्राही लोगों को लाभ और संबंधित कार्य से वंचित न होना पड़े। इस तरह की अव्यवस्था में लोग स्थानीय प्रशासन से लेकर सरकार की कार्यप्रणाली को कोसने से चूकते नहीं, और आरोप भी लगते हैं कि अपने भ्रष्टाचार में लीपापोती करने के लिए,तबादला रुकवाने के लिए जल्दी रिलीव नहीं हो रहे हैं/रिलीव नहीं कर रहे हैं….।

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