रायपुर/कोरबा। सहायक शिक्षक पदोन्नति के मामले में कई गई गड़बड़ी से सुर्खियों में आए शिक्षा विभाग के विवादित सहायक संचालक पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। आरोपों के बाद जो जांच करायी गयी, उस जांच में भी सहायक संचालक केआर डहरिया को दोषी माना गया है। जांच प्रतिवेदन में शिकायत की पुष्टि हुई है। सहायक संचालक के खिलाफ कार्रवाई के लिए संयुक्त संचालक ने डीपीआई को प्रस्ताव भेजा है लेकिन यह प्रस्ताव 2 माह से दबा पड़ा है।
कोरबा जिला शिक्षा विभाग में पदस्थ सहायक संचालक केआर डहरिया पर कई तरह के आरोप लगे हैं। आरोपों पर संयुक्त संचालक की तरफ से जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया। स्वयंभू डीईओ (सहायक संचालक) केआर डहरिया के खिलाफ भ्रष्टाचार, दुर्व्यवहार और नाफरमानी के मामले की जांच अप्रैल महीने में शुरू हुई थी, जिसमें कई स्तर पर डहरिया के खिलाफ आरोपों की पुष्टि हुई है। तीन सदस्यीय कमेटी ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट संयुक्त संचालक को सौंपी जिसके आधार पर डहरिया के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव शासन स्तर पर भेजा गया है।
0 अधिकार से बाहर जाकर काम करते रहे
सहायक संचालक डहरिया पर पिछले दिनों गंभीर आरोप लगा था। उन्होंने त्यागपत्र दे चुके दो शिक्षकों की पुन: नियुक्ति का आदेश अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर जारी किया था। ये आदेश उन्होंने तब जारी किया जब डिप्टी कलेक्टर प्रदीप साहू डीईओ के प्रभार पर थे। जब इस मामले में केआर डहरिया से पूछा गया, तो उन्होंने कहा, उन्होंने जल्दबाजी में हस्ताक्षर कर दिया था। 6 मार्च 2024 को भी डहरिया ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर शिक्षक को रिलीव किया था। तकनीकी त्यागपत्र में कार्यभार पुन: ग्रहण करने का आदेश वही अधिकारी निकाल सकता है जिसके पास डीडीओ पावर होता है और वो भी अपने उच्च अधिकारियों की सहमति लेकर ही आदेश कर सकता है परंतु के आर डहरिया खुद ही सर्वेसर्वा बनते रहे।
0 शिकायत करने वाले की ही शिकायत कर दी
के आर डहरिया के विरुद्ध लोक जनशक्ति पार्टी (रा.) के जिला अध्यक्ष राजकुमार दुबे ने जिला से लेकर उच्च स्तर तक शिकायत की है। इस शिकायत को दबाने के साथ-साथ दुबे को हतोत्साहित कर एससी-एसटी एक्ट में फंसाने के लिए जातिगत लाभ लेते हुए डहरिया ने अपने संगठन का सहारा लिया और संगठन के लेटर पैड पर आजाक थाना में दुबे के विरुद्ध शिकायत कर दी है। मामले में पुलिस की अपनी विवेचना जारी है।