50 हजार कर्मचारियों का वेतन 6 महीने से नहीं हुआ, जांच शुरू.. कांग्रेस ने 12,500 करोड़ के घोटाले का लगाया आरोप
यह खबर छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से सामने आई हैं.. पूरा पढ़े
मध्य प्रदेश न्यूज: राज्य में एक बड़े प्रशासनिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जहां करीब 50 हजार अधिकारी-कर्मचारियों का वेतन बीते छह माह से नहीं मिला है। इन कर्मचारियों का वेतन कोषालय के रिकॉर्ड में दर्ज है और उनके पास कर्मचारी कोड भी है, लेकिन इसके बावजूद उनका वेतन जारी नहीं किया गया है।सरकार ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और आयुक्त कोष एवं लेखा ने सभी आहरण अधिकारियों (DDO) से रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट 15 जून तक एकत्र की जाएगी ताकि देरी के कारणों का पता चल सके।
क्यों नहीं निकला वेतन ?
वित्त विभाग ने यह जानकारी दी है कि मध्य प्रदेश के सभी कर्मचारियों का वेतन उनके आधार से लिंक बैंक खातों में सीधे अंतरित किया जाता है। हालांकि, जब दिसंबर 2024 के आंकड़े देखे गए तो यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि 50 हजार कर्मचारियों का वेतन आहरित नहीं हुआ था। अधिकारियों का कहना है कि यह अनियमितता नहीं, बल्कि तकनीकी या प्रशासनिक कारण हो सकते हैं।हालांकि, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इन सभी जानकारी को अद्यतन करना जरूरी है ताकि भविष्य में भ्रम या घोटाले की स्थिति न बने।
क्या कहना है सरकार का
राज्य सरकार ने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट की है। सरकार का कहना है कि वेतन का भुगतान नहीं होने की वजह तकनीकी समस्याएं हो सकती हैं और वे जल्द ही मामले की जांच पूरी करेंगे। वित्त विभाग ने यह भी कहा है कि कर्मचारियों का विवरण IFMS (इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) में दर्ज किया गया है और जल्द ही इसका समाधान निकाला जाएगा।
मध्य प्रदेश में प्रशासनिक सुधार की जरूरत
50 हजार से अधिक कर्मचारियों का वेतन 6 महीने से नहीं मिलने के मामले ने राज्य सरकार और प्रशासन में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है। इस घटना ने वित्तीय व्यवस्था की पारदर्शिता और मजबूती पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
सुधार के लिए आवश्यक कदम
- वित्तीय व्यवस्था में सुधार: राज्य सरकार को वित्तीय व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी और मजबूत बनाने के लिए कदम उठाने होंगे।
- प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार: प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार को जल्द से जल्द एक समाधान निकालना होगा, ताकि कर्मचारियों को उनका वेतन समय पर मिल सके।
- जवाबदेही तय करना: सरकार को इस मामले में जवाबदेही तय करनी होगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।
सरकार को जल्द से जल्द इस मामले का समाधान निकालना होगा और प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
कांग्रेस ने कहा यह 12,500 करोड़ का घोटाला हैं..
- 12,500 करोड़ रुपये का घोटाला: कांग्रेस का आरोप है कि यह एक बड़ा घोटाला है जिसमें राज्य सरकार की भूमिका संदिग्ध है।
- प्रशासनिक अराजकता: पार्टी का कहना है कि यह प्रशासनिक अराजकता का स्पष्ट उदाहरण है जिसमें सरकार अपने कर्तव्यों को सही ढंग से नहीं निभा रही है।
- वेतन भुगतान में देरी: कांग्रेस ने मांग की है कि जल्द से जल्द सभी कर्मचारियों को उनका वेतन जारी किया जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
कांग्रेस के नेता यह भी आरोप लगा रहे हैं कि सरकार इस गंभीर मुद्दे का समाधान करने में पूरी तरह से विफल रही है और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए ।
