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हीरो ई-बाईक की दुकान बंद…! उपभोक्ता भटक रहे

0 टोल फ्री नंबर से रिस्पांस नहीं, एजेंट करते हैं अभद्रता
कोरबा। बाईक के बाजार में एकाएक तेजी से उभरी ई-बाईक लोगों की पसंद बन गई है। इसके मार्केट में एकाएक उछाल भी आया और लोगों ने ई-बाईक के स्थानीय एजेंटों और विक्रेताओं पर भरोसा कर अपने लिए खरीदारी तो कर ली लेकिन हीरो ई-बाईक की एजेंसी काईजेन हीरो के स्थानीय कर्ता-धर्ता के कारण उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। एजेंसी का शटर वे गिरा चुके हैं और जिन उपभोक्ताओं को आवश्यकता पड़ रही है या समस्या का समाधान कराना है, उन्हें कहीं से कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा है।
निहारिका क्षेत्र में हीरो ई-बाईक की एजेंसी काईजेन ऑटो के नाम से अधिकृत विक्रेता के द्वारा प्रारंभ की गई। करीब 3 साल तक यहां एजेंसी ने सैकड़ों ई-बाईक की बिक्री की और अभी एक माह से एजेंसी बन्द हो चुकी है। इस बात को लेकर हल्ला है कि हीरो ई-बाईक की कंपनी ही बंद हो चुकी है क्योंकि स्थानीय अधिकृत विक्रेता के द्वारा शटर गिराने के साथ उपभोक्ताओं को किसी तरह की जानकारी नहीं दी जा रही है। वाहनों में खराबी आने पर अथवा बैटरी की समस्या होने पर इसके समाधान के लिए कोई दूसरा विकल्प उपभोक्ताओं को मिल नहीं पा रहा। कंपनी के टोल फ्री नंबर- 186026622662 से संपर्क करने पर किसी तरह का रिस्पांस ग्राहकों को नहीं मिल रहा है। इसके अलावा जब कन्हैया ऑटो सह काईजेन बाईक के स्थानीय एजेंट किशन साहू से उनके मोबाइल नंबर-7000314428 पर संपर्क किया गया तो फोन उनके भाई ने उठाया और अभद्रता से पेश आए। इसी तरह विनय के. चौहान के मोबाइल नंबर-9806733181 पर संपर्क करने से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। कंपनी में संपर्क करने पर पता चला कि कन्हैया ऑटो व काईजेन बाईक के डीलर मनोज साहू हैं।
इस तरह एक जिम्मेदार और नामी कंपनी हीरो ई-बाईक के अधिकृत विक्रेता के द्वारा उपभोक्ताओं के साथ अभद्रता करने एवं उन्हें दर-दर भटकने के लिए मजबूर करने व समस्या का समाधान न होने से मूल कंपनी के प्रति लोगों में अविश्वास व नाराजगी देखी जाने लगी है।
0 सर्विसिंग और पार्ट्स के लिए भटक रहे ग्राहक
घंटाघर चौक में तीन साल पहले शुरू की गई काईजेन हीरो इलेक्ट्रिक बाईक के शो-रूम का शटर गिर चुका है और पूछे जाने पर आसपास के लोग भी बंद होना बताते हैं। समस्या इस बात की है कि ई-बाईक बेचते वक्त ग्राहकों को तीन साल की गारंटी दी गई थी और बाईक की सर्विसिंग अथवा किसी पार्ट्स की आवश्यकता पडऩे पर उपभोक्ताओं में भटकाव देखा जा रहा है। इस बाईक के पार्ट्स दूसरे दुकानों में मिलते नहीं और एजेंसी बंद हो जाने से या तो गाडिय़ां खड़ी हो जा रही हैं या फिर दूूसरे क्षेत्र से मंगा कर काम चलाना पड़ रहा है और दोनों ही सूरतों में उपभोक्ता पर आर्थिक भार बढ़ रहा है और वह खुद को ठगा हुआ भी महसूस कर रहा है। चर्चा इस बात की भी है कि मामले को लेकर पुलिस में अधिकृत विक्रेता के विरुद्ध शिकायत/एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी हो रही है।

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