सचिव पर प्रभार का बोझ,मानसिक तनाव पर भी ध्यान नहीं दे रहे अधिकारी
0 ग्राम जपेली में एक साल से सचिव के दर्शन नहीं किये ग्रामीणों ने
कोरबा। कोरबा जिले में अनेक पंचायत सचिव अपने मनमाने क्षेत्र में प्रभार लेकर मजे से दिन काट रहे हैं तो कुछ ऐसे भी सचिव हैं जिन्हें प्रभार पर प्रभार देकर मानसिक तनाव के दौर से गुजरने के लिए मजबूर कर दिया गया है। उनके आवेदनों पर भी सुनवाई नहीं हो रही है और ना निराकरण किया जा रहा है।
कटघोरा विकासखण्ड के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत जपेली में करीब 1 साल से ग्रामवासियों ने पंचायत सचिव का दर्शन नहीं किया है। प्रभारी सचिव का यहां आना-जाना होता है लेकिन ज्यादा समय नहीं देने के कारण ग्रामवासी उनसे मिल नहीं पाते और सचिव आधारित कामकाज लके साथ-साथ सरकारी योजनाओं का लाभ जपेली वासियों को नहीं मिल पा रहा है।
दरअसल जपेली पंचायत का अतिरिक्त प्रभार ज्ञान सिंह को सौंपा गया है और ग्राम पंचायत कटसिरा का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वे मूल रूप से रंगबेल पंचायत का भी स्थायी प्रभार संभाल रहे हैं। एक सचिव पर तीन-तीन पंचायतों का भार होने से समझा जा सकता है कि हालत क्या होगी।
ज्ञान सिंह ने जपेली और कटसिरा पंचायत से हटाने के संबंध में जनपद और जिला पंचायत में आवेदन दिया है। कटघोरा जनपद पंचायत से अतिरिक्त प्रभार के लिए किसी अन्य सचिव को प्रभार देने का प्रस्ताव भी प्रेषित हो चुका है लेकिन आज तक आदेश लटका है। सरपंच ग्राम पंचायत जपेली एवं जनपद सदस्य के द्वारा भी पत्र लिखकर जपेली का प्रभार किसी अन्य सचिव को देने की मांग 4 माह पहले की जा चुकी है। सचिव ज्ञान सिंह कंवर ने भी जपेली व कटसिरा के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त करने का आग्रह किया है। कार्य की अधिकता और पारिवारिक स्थिति को उन्होंने कारण बताया है। साथ ही कहा है कि तीनों पंचायत के कार्य का प्रभार के कारण कार्य का निराकरण पूर्ण रूप से नहीं होने के कारण उसे मानसिक तनाव भी हो रहा है, जिस कारण कभी भी अप्रिय घटना होने की संभावना बनी रहती है। इन आवेदनों के बाद भी निराकरण नहीं हो रहा है जिससे न सिर्फ सचिव बल्कि संबंधित पंचायतों के ग्रामीण परेशान हैं।