लंदन में पढ़े बस्तर रियासत के राजा कमलचंद भंजदेव की शादी किस राजकुमारी से हो रही है, कोहिनूर हीरा इसी राजपरिवार का था
बस्तर रियासत के राजा कमलचंद भंजदेव की बारात जगदलपुर से निकली,इस शाही बारात को देखने पूरा शहर उमड़ पड़ा,100 से ज्यादा राजघराने बनेंगे बाराती
Chhattisgarh Bastar Royal Wedding: बस्तर रियासत के राजा कमलचंद भंजदेव शादी करने जा रहे हैं। उनकी शादी मध्यप्रदेश के नागौद रियायत के महाराज शिवेन्द्र प्रताप सिंह की बेटी कुमारी भुवनेश्वरी से होगी। बुधवार को राजा की बारात जगदलपुर से निकली,इस शाही बारात को देखने पूरा शहर उमड़ पड़ा .
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हाथी,घोड़े और ऊंट से सजी इस बारात को देख लोग गदगद हो गए। बस्तर में करीब सौ साल बाद किसी राजा की बारात निकली इससे पहले राजाओं में राजमहल से बाहर दूसरे राज्यों में जाकर शादी की थी। हाथी पर सवार राजा कमलचंद अपने परिवार, रिश्तेदारों और विभिन्न राजघराने से आए मेहमानों के साथ राजमहल से मां दंतेश्वरी का आशीर्वाद लेकर बाहर निकले। हाथी पर कमलचंद के आगे-आगे घोड़े और ऊंट राज परिवार का शाही चिन्ह लेकर निकले।
बस्तर राजमहल में करीब सौ साल बाद राजपरिवार के किसी युवराज के विवाह समारोह का आयोजन होगा होगा।बताया जा रहा है कि इस शादी में ग्वालियर रिसासत के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया, सरगुजा रियासत के महाराज टीएस सिंहदेव और राजस्थान रियासत के कई राजपरिवार साहित्य देशभर के प्रसिद्ध राजपरिवार के सदस्य बस्तर पहुंचने लगे हैं। मेहमानों के लिए राजमहल परिसर में शानदार व्यवस्था की गई है।
युवराज कमलचंद भंजदेव की शैक्षणिक योग्यता
कमलचंद भंजदेव बस्तर रियासत के मौजूदा राजा हैं। कमलचंद भंजदेव लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। लंदन में ही उन्होंने इंटरनेशनल बिजनेस की भी पढ़ाई की है। कमलचंद 2010 में वहां से लौटे और अपने पूर्वजों की विरासत संभाल ली। कमलचंद भंजदेव बस्तर में काकतीय राजवंश के 23वें राजा माने जाते हैं। उनके पिता प्रवीरचंद्र भंजदेव को बस्तर के आखिरी राजा का दर्जा मिला है। उनके पिता को आज भी राजा की तरह पूजा जाता है।
ब्रिटेन के राजमुकुट में लगा कोहिनूर हीरा इसी राजपरिवार
कमलचंद भंजदेव ने दावा किया था कि कोहिनूर हीरा कभी काकतीय राजपरिवार की संपत्ति रहा हैं। उसकी देवी मंदिर या राजकोष की चोरी हुई थी। उन्होंने दावा किया था कि कोहिनूर हीरा तेलंगाना के गोलकुंडा खदान में मिला था। उन दिनों तेलंगाना का वारंगल राज्य चालुक्य काकतीय वंश के आधिपत्य रहा है। उन्होंने कहा था कि 1303 में मुस्लिम शासक अलाउद्दीन खिलजी के गुलाम मलिक काफूर से राजपरिवार का युद्ध हुआ था। इस युद्ध के दौरान ही कोहिनूर हीरा चोरी कर लिया गया था। जिसके बाद कोहिनूर हीरा मुस्लिम शासकों के पास चला गया। बाद में ये ब्रिटिश सत्ता को सौंप दिया गया।