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प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में निगम आयुक्त आशुतोष पांडे ने अपना अनुभव साझा करते हुए कोरबा शहर के विकास को लेकर अपना विजन व रोडमैप सामने रखा

हरित और प्रदूषण मुक्त कोरबा बनाने का है लक्ष्य, सबको लेनी होगी जिम्मेदारी

कोरबा। नगर पालिका निगम, कोरबा के आयुक्त आशुतोष पांडे सोमवार को प्रेस से मिलिये कार्यक्रम में शामिल होने टीपी नगर स्थित तिलक भवन पहुंचे। इस दौरान वह जिले के पत्रकारों रूबरू हुए और कोरबा शहर के विकास को लेकर अपना विजन व रोडमैप सामने रखा। यह भी कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में आईएएस अवार्ड होने की खुशखबरी भी कोरबा की धरती पर ही प्राप्त हुई। इसलिए कोरबा जिला सदैव खास रहेगा,।
नगर निगम आयुक्त आशुतोष पांडे अपने अनुभव साझा करते हुए यह बताया कि 2008 में वह राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बने। इसके पहले वह पत्रकार के तौर पर सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हुए थे। गुरु घसीदास विश्वविद्यालय से जनसंपर्क व पत्रकारिता में डिग्री लेने के बाद राष्ट्रीय अखबार से पत्रकारिता के करियर की शुरुआत की।
उन्होंने कहा कि हमेशा मुझे लगता था कि कभी भी अपने सभी सेब एक बक्से में मत रखो। 2008 में मुझे एक रास्ता तय करना था। उस समय मीडिया जगत प्रिंट से इलेट्रॉनिक में शिफ्ट हो रही थी। सनसनी और सबसे तेज़ खबर देने का दौर था।
जब पत्रकारिता की नौकरी के लिए इंटरव्यू दिया। तब ऐसे सवाल पूछे गए जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के थे। आमतौर पर छत्तीसगढ़ के एक लड़के के पास इन सब सवालों का जवाब नहीं होता, लेकिन चुंकि मैं सिविल सेवा की तैयारी कर रहा था। इसलिए उन सभी सवालों के जवाब दे पाया। इंटरव्यू लेने वाले अधिकारियों ने कहा कि अब वह सब भूल जाओ काम सुबह 9:00 बजे शुरू हो जाएगा। रात के 3:00 बजे तुम घर जा पाओगे और ₹6000 महीने की तनख्वाह मिलेगी। काम कर पाओगे, मैंने हामी भरी और काम शुरू किया। जब मेरा प्री क्लियर हो गया तब दिवाकर मुक्तिबोध ने मुझे सलाह दी कि तुम्हें ईश्वर में एक अवसर दिया है। इसका उपयोग करो। इसके बाद मेरा मेंस क्लियर हुआ और मैं अधिकारी बन गया। जीवन में ऐसे बहुत कम लोग होते हैं, जो आपको सही समय पर सही सलाह दें। उन्होंने मुझे यह भी कहा था कि यदि सिविल सेवा में असफल हो जाओगे, तब भी संस्थान के दरवाजे तुम्हारे लिए हमेशा खुले रहेंगे। किसी प्राइवेट संस्था में ऐसा आश्वासन मिलन तब काफी बड़ी बात हुआ करती थी। जब मेरा सिलेक्शन हुआ, वापस उनके पास गया तब मेरी आंखें नम थी। सरकारी व्यवस्था आने के बाद असरकारी हो पाना बड़ा मुश्किल हो जाता है। खुद को बंधन में रखना पड़ता है, सभी बातें हम जाहिर नहीं कर सकते। बड़ा ही व्यवस्थित रहना पड़ता है। आप खुलकर अपने विचार कहीं भी व्यक्त नहीं कर सकते। हम सारा काम प्रतिनिधियों के आदेश और निर्देश पर करते हैं। किसी भी सरकारी अधिकारी को यह बात कभी नहीं भूलनी चाहिए।

जैसे सुग्घर रायगढ़ बनाया, वैसे ही हरित और प्रदूषण मुक्त कोरबा की परिकल्पना : पांडे

नगर निगम आयुक्त आशुतोष पांडे छत्तीसगढ़ प्रशासनिक अधिकारी फेडरेशन के सबसे युवा उपाध्यक्ष भी हैं। उन्होंने बताया कि इसमें भी कई तरह के काम किये। सिस्टम को रेगुलेट कराया, सीआर सिस्टम को ऑनलाइन कराया। अपने हॉबी का भी ध्यान रखा। एवरेस्ट कैंप भी कर चुका हूं, मैराथन में भी भाग लिया है। धर्मपत्नी कामना भी अधिकारी हैं। शहर के पाटीदार भवन में ही शादी हुई थी। यहां के कई पार्षद उनके बैचमेट रह चुके हैं। इसलिए कोरबा से अधिक लगाव भी है।
प्रशासनिक अनुभव के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि रायगढ़ में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की। जब वहां गया तो देखा कि किसी की सैलरी रोकी जा रही है। कार्रवाई की जा रही है, और यह कार्रवाई स्वच्छता दरोगा और नीचे वाले कर्मचारियों
पर हो रही थी। मैने तय किया कि अपनी सैलरी नहीं लूंगा और जो गैजेटेड ऑफीसर हैं, उन्हें भी ऐसा करने को कहा। साइकलिंग शुरू की वहां साइकिल बाय के तौर पर लोग पहचानने लगे। इससे स्वच्छता दीदियां मुझसे जुड़ीं, फायदा यह हुआ कि अन्य अधिकारियों का भी बीपी और शुगर लेवल डाउन हो गया। सभी अधिक काम करने लगे। स्वच्छता के क्षेत्र में काम करने के लिए रायगढ़ को पहली बार राष्ट्रपति पुरस्कार मिला। जैसा काम रायगढ़ में किया इस तरह का काम कोरबा में भी करने की मंशा है। मां मड़वारानी, मा सर्वमंगला की धरती कोरबा को प्रदूषण मुक्त बनाना यहां के तालाबों को साफ करना वायु की गुणवत्ता को सुधारना, कचरे का बेहतर प्रबंधन करते हुए।
शहर का व्यवस्थित विकास पहली प्राथमिकता होगी। मैंने पार्षदों से भी पूछा है कि आप अपना एक सपना और मुख्य काम बताइए जो क्षेत्र को देना चाहते हैं। इसके लिए हर एक व्यक्ति को जिम्मेदारी लेनी होगी। अपना मल सभी साफ करते हैं, लेकिन दूसरों का मल साफ करने वाला देवता से कम नही होता।
इस लक्ष्य के लिए सभी को जिम्मेदारी लेनी होगी। प्लास्टिक का उपयोग छोड़ सकते हैं, कचरा फैलाने से लोगों को रोक सकते हैं। किसी बच्चे को गोद लेकर उसे कम से कम दिन में 1 घंटे पढ़ा सकते हैं। इस तरह के काम करने होंगे। ताकि कोरबा का हर तरह से विकास हो। जब कोरबा में आया तो देखा कि यहां पहले ही काफी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं। जिसे और अच्छा करने का प्रयास होगा। साथी पत्रकारों की मोडल कॉलोनी को हाईटेक और बेहतर बनाने की दिशा पर काम किया जाएगा। कार्यक्रम के अंत में प्रेस क्लब द्वारा नगर निगम आयुक्त आशुतोष पांडे को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। कार्यक्रम में नगर निगम अधिकारी सहित बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित थे।

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