दिव्यांगता बाधा न बने, मिलकर आगे आएं-बीईओ
0 विकास खण्ड स्तरीय समावेशी शिक्षा,वातावरण निर्माण कार्यशाला का हुआ आयोजन
कोरबा-पाली (दीपक शर्मा)। शिक्षा का समावेशीकरण के अंतर्गत एक सामान्य छात्र,एक दिव्यांग छात्र के साथ विद्यालय में एक ही छत के नीचे समान रूप से शिक्षा तो प्राप्त करे ही,साथ ही अपनी भावनाओं इच्छाओं व अनुभव को भी अपने साथियों के साथ समान रूप से साझा करें।विकासखंड शिक्षा अधिकारी पाली श्यामानंद साहू के निर्देशन में सहायक खण्ड शिक्षा अधिकारी मनीराम मरकाम तथा बीआरसी रामगोपाल जायसवाल के सानिध्य में समावेशी शिक्षा के अंतर्गत वातावरण निर्माण पर आधारित कार्यशाला में प्रत्येक संकुल से एक सामान्य एक दिव्यांग विद्यार्थी दोनों के पालक, एक शिक्षक एक smc सदस्य, प्रधानपाठक आदि के उपस्थिति में विकासखंड स्तर पर समावेशी शिक्षा:-वातावरण निर्माण कार्यक्रम का शुभारंभ माँ विद्यादायिनी एवं छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा के साथ प्रारंभ हुआ।
बीआरसीसी रामगोपाल जायसवाल ने अपने उद्बोधन में कहा की उक्त दोनों कार्यशाला बच्चों,पालकों,शिक्षकों प्रधान पाठकों के संज्ञान में इस बात को लाना की दिव्यांगता अभिशाप नहीं,प्रेम,अपनापन,भाईचारा से उन नवनिहालों का हम स्वागत करें जो इस श्रेणी में आ रहे हैं,तभी स्वस्थ समाज शिक्षक विकसित कर पाएंगे,मुख्य एमटी श्रीमती माधुरी मोहड़ ने 21 प्रकार के दिव्यांगता की जानकारी सरल शब्दों में एवम साइन लैंग्वेज में बताया,जिसका प्रभाव प्रशिक्षण हाल में दिखा,शासन की एक-एक बात बच्चों/पालकों तक जाए इसके लिए कार्यक्रम आयोजन का प्रचार-प्रसार एवं सफलता का प्रतिसाद संबंधित तक पहुंचे इस हेतु अविरल प्रयास किया गया था।आज मौसम नासाज होने के बाद भी पालकों,एवम बच्चों की उपस्थितीआशातीत दिखी,अभिभावकों ने अपनी जिज्ञासा व समस्याएं एमटी के पास रखे जिसका प्रत्युत्तर उन्हें संतोष प्रद प्राप्त हुआ। इस प्रकार के कार्यशाला से बच्चे तथा पालकों में नई ऊर्जा का विकास परिलक्षित हुआ है। आने वाले दिनों में व्यापक एवं भव्य संदेश स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में दिखाई देगा।अंत मे जलपान भी समस्तो को वितरित किये गए।
कार्यक्रम को सफल बनाने में गिरीश गौतम, निर्मल राठौर, तुलसी जगत,सुनील जायसवाल, मनमोहन डिक्सेना, रामकृष्ण साहू, संतोष कर्ष, दुष्यंत उइके,दीपक कँवर, अनिल जगत,श्री अमर पैकरा, वीरेंद्र जगत, दिलकेश मधुकर, राम कृपाल यादव रविशंकर यादव तथा पालक गण,बच्चों आदि का सहयोग रहा।