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डीएमएफ घोटाला: ईओडब्ल्यू ने पेश की चार्जशीट…आरोपियों पर भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितता के आरोप
छत्तीसगढ़ के डीएमएफ घोटाले में ईओडब्ल्यू ने विशेष कोर्ट में 9 आरोपियों के खिलाफ 6 हजार पन्नों की चार्जशीट पेश की है

रायपुर: छत्तीसगढ़ के डीएमएफ घोटाले में ईओडब्ल्यू ने विशेष कोर्ट में 9 आरोपियों के खिलाफ 6 हजार पन्नों की चार्जशीट पेश की है, जिसमें 75.1 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है। इस मामले में कोरबा की तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू, सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी और माया वारियर समेत 9 लोगों को आरोपी बनाया गया है। आरोपियों पर भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितता के आरोप हैं।
आरोपी:
- सौम्या चौरसिया (तत्कालीन उप सचिव)
- रानू साहू (तत्कालीन कलेक्टर)
- सूर्यकांत तिवारी (व्यावसायी)
- माया वारियर (तत्कालीन सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग)
- मनोज द्विवेदी (बिचौलिया/वेंडर)
- भुनेश्वर सिंह राज (तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी)
- भरोसा राम ठाकुर (तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी, डीएमएफ)
- वीरेन्द्र राठौर (तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी)
- राधेश्याम मिर्झा (तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी)
चार्जशीट के मुख्य बिंदु:
- आरोपियों ने सुनियोजित षडयंत्र के तहत अपने प्रायोजित प्रोप्राइटर/वेंडर को निविदा आवंटित कर कमीशन के रूप में कुल निविदा मूल्य का लगभग 40 प्रतिशत (लगभग 75 करोड़) प्राप्त किया और शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई।
- सभी आरोपी वर्तमान में न्यायिक रिमांड पर केन्द्रीय जेल रायपुर में निरुद्ध हैं।
- ईडी ने पहले ही इस मामले में 90 करोड़ 48 लाख रुपये के घोटाले का अभियोजन परिवाद पेश किया था।
- ईडी की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है. केस में यह तथ्य सामने आया है कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है. टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया.ED ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया था कि IAS अफसर रानू साहू और कुछ अन्य अधिकारियों ने अपने-अपने पद का गलत इस्तेमाल किया.