जिस कारोबारी के बच्चों ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में गुल्लक भेट की थी उसने पत्नी सहित की खुदकुशी
एक कारोबारी दंपत्ति ने आत्महत्या कर ली। दंपत्ति मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा के शव शुक्रवार सुबह उनके घर में फंदे से लटके मिले। लगभग आठ दिन पहले ED ने उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद से वह मानसिक तनाव में थे। उनके बच्चों ने आरोप लगाया है कि ED के दबाव के कारण उनके माता-पिता ने आत्महत्या की।
सीहोर: राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में छोटे-छोटे बच्चों द्वारा गुल्लक के माध्यम से राशि भेंट करने वाले उद्योगपति मनोज परमार ने सुसाइड कर लिया. उनकी पत्नी ने भी फांसी लगाकर जान दे दी है. परमार परिवार सीहोर जिले के आष्टा का रहने वाला था. आष्टा में उनके ही मकान में दोनों के शव बरामद हुए हैं. मनोज परमार कई बार राहुल गांधी के साथ देखे गए थे. उनके यहां कुछ दिनों पहले ईडी की छापामार कार्रवाई हुई थी. दंपति के तीन बच्चे हैं जिया (18वर्ष), जतिन(16 वर्ष) और यश (13 वर्ष).
पुलिस को घटना स्थल से पांच पन्नो का सुसाइड नोट मिला है,आष्टा थाना प्रभारी रविंद्र यादव ने बताया कि मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा ने खुदकुशी कर ली है. अभी कारणों की जांच की जा रही है. उनका कहना है कि जो भी बात सामने आएगी, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, पारिवारिक सूत्रों का यह कहना है कि ईडी की जांच के कारण ही मनोज परमार और उनकी पत्नी परेशान थे और इसी वजह से उन्होंने आत्महत्या की.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, शवों के पास से सुसाइड नोट में मिला है, जिसकी जांच की जा रही है. अभी पुलिस अधिकारियों ने औपचारिक जानकारी देने से मना किया है. हालांकि, इतना जरूर कहा जा रहा है कि पूरे केस की जांच की जा रही है और जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी. पुलिस अधिकारियों द्वारा रात से ही पूरे मामले की पड़ताल जारी है.ये बच्चे राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन्हें गुल्लक देने के कारण चर्चा में आए थे। मामले में दिग्विजय सिंह ने ED पर गंभीर आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।