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जाति जनगणना कराएगी मोदी सरकार… श्रेय लेने की होड़…बिहार के चुनावों में ही यह तय होगा कि आम जनता जाति जनगणना का श्रेय किस दल को देना चाहती है…

कभी ब्राह्मणों और बनियों की पार्टी कही जाने वाली भारतीय जनता पार्टी आज के दौर में ओबीसी वोटों की सबसे बड़ी खिलाड़ी बन गई है. बीजेपी ने देश का पीएम एक ओबीसी को बनाकर पिछड़ी राजनीति में सबसे आगे हो गई है. अब जाति जनगणना की घोषणा करके मोदी सरकार ने विपक्ष की राजनीति पर पोलिटिकल स्ट्राइक कर दिया है. जाहिर है कि यह सब बिहार विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर किया गया है. बिहार में जातियों की राजनीति में अहम भूमिका है. अहम यह भी है कि देश में पिछड़ा वर्ग की राजनीति सबसे अधिक बिहार में ही है. इसलिए बिहार के चुनावों में ही यह तय होगा कि आम जनता जाति जनगणना का श्रेय किस दल को देना चाहती है

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को ‘कैबिनेट’ मीटिंग हुई, जिसमें केंद्रीय मंत्रिमंडल के कुछ टॉप मंत्री मौजूद थे. देश भर में लोग यह समझ रहे थे कि पाकिस्तान के खिलाफ कोई स्ट्राइक हो सकती है. पर सरकार ने तो विपक्ष पर पोलिटिकल स्ट्राइक कर दिया. कैबिनेट की बैठक में जाति जनगणना कराने समेत कई अहम फैसले लिए गए. सरकार ने जनगणना के साथ ही जाति जनगणना कराने का भी फैसला किया है. मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि आने वाली जनगणना में जातियों की गणना भी कराई जाएगी.

जाहिर है कि सरकार की इस घोषणा के बाद जाति जनगणना कराने का श्रेय लेने के लिए होड़ मच जानी है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने तो दावा भी ठोंक दिया है. कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी भी जाति जनगणना का श्रेय लेना चाहेंगे. आखिर पिछले करीब 5 सालों से कोई मंच ऐसा नहीं होगा जहां से राहुल गांधी ने इसकी डिमांड न की हो. पर मंडलवादी पार्टियां जो जाति जनगणना की सबसे पहले से डिमांड करती रही हैं और भारतीय जनता पार्टी जो हमेशा से इस मांग का समर्थन करती रही भी इसके लिए दावे में कोई कमी नहीं करने वाली हैं. बीजेपी ने कभी जाति जनगणना का विरोध नहीं किया और अब इसे लागू करके श्रेय लेने में सबसे आगे नजर आ रही है.

O अब आगे क्या.?

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि जनगणना कब शुरू होगी, लेकिन सूत्रों के अनुसार, यह 2025 में शुरू होकर 2026 तक पूरी हो सकती है।जाति गणना के लिए प्रश्नावली और डेटा संग्रह की प्रक्रिया को और स्पष्ट किया जाएगा। बिहार के 2023 सर्वे की तरह, जिसमें 215 जातियों की सूची दी गई थी, केंद्र भी ऐसी व्यवस्था कर सकता है।निष्कर्ष:मोदी सरकार ने राहुल गांधी और विपक्ष की मांग को मानते हुए जाति जनगणना को आगामी जनगणना में शामिल करने का ऐलान किया है। यह एक बड़ा नीतिगत फैसला है, जो सामाजिक-आर्थिक नीतियों और राजनीति को प्रभावित कर सकता है।

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