गुजरात उपचुनाव रिजल्ट : कौन हैं AAP नेता गोपाल इटालिया, जिसने विसावदर में BJP को हराया , पाटीदार चेहरा बनकर चमका,जानें
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Visavadar ByPoll Results 2025 Gopal Italia Win: गोपाल इटालिया आम आदमी पार्टी (AAP) के एक प्रमुख नेता हैं जिन्होंने हाल ही में गुजरात की विसावदर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार किरीट पटेल को 17,581 वोटों से हराया। आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें:
गोपाल इटालिया की पृष्ठभूमि
- गोपाल इटालिया भावनगर जिले के बोटाद गांव के रहने वाले हैं।
- उन्होंने अहमदाबाद से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन किया है।
- वह पहले सरकारी नौकरी में थे, लेकिन व्यवस्था से असंतोष और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के चलते उन्होंने नौकरी छोड़ दी।
- वह पाटीदार आरक्षण आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं और हार्दिक पटेल के साथ मिलकर युवाओं की आवाज बने थे.
राजनीतिक करियर
- गोपाल इटालिया ने 2020 में आम आदमी पार्टी जॉइन की और जल्द ही गुजरात इकाई के उपाध्यक्ष बनाए गए।
- 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने काटारगाम सीट से चुनाव लड़ा, हालांकि वह हार गए।
- बाद में उन्हें गुजरात इकाई का अध्यक्ष बनाया गया और उन्होंने पार्टी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- विसावदर उपचुनाव में उनकी जीत ने AAP की गुजरात में मजबूत उपस्थिति का संकेत दिया है ।
विसावदर उपचुनाव में जीत
- गोपाल इटालिया को विसावदर उपचुनाव में 75,906 वोट मिले, जबकि BJP के किरीट पटेल को 58,325 वोटों से संतोष करना पड़ा।
- इस जीत के साथ, AAP के पास अब गुजरात विधानसभा में 4 विधायक हो गए हैं।
- गोपाल इटालिया की जीत को गुजरात में AAP की वापसी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है ।
विसावदर में क्यों खास रही गोपाल इटालिया की जीत?
विसावदर सीट, जूनागढ़ जिले की अहम और पटेल बहुल सीट है। यहां आम आदमी पार्टी के भूपेंद्रभाई भायानी 2022 में जीते थे, लेकिन उन्होंने 2023 में पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया और इस्तीफा दे दिया। इससे जनता में नाराजगी थी, और AAP ने इस गुस्से को भुनाते हुए गोपाल इटालिया को मैदान में उतारा और वह सफल भी हुए। इटालिया ने गांव-गांव जाकर चुनाव प्रचार किया, किसानों से जुड़े मुद्दे उठाए, और भाजपा उम्मीदवार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर माहौल अपने पक्ष में कर लिया। उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे किरीट पटेल को उन्होंने न सिर्फ हराया, बल्कि एक स्पष्ट जनादेश हासिल किया।