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गाजी मियां की मजार पर भगवा लहराने वाला हिंदूवादी मनेंद्र सिंह गिरफ्तार, भेजा गया जेल

उत्तर प्रदेश : प्रयागराज में विदेशी अक्रांता महमूद गजनवी के सेनापति सैयद सालार मसूद गाजी की मजार पर भगवा फहराने वाले हिन्दूवादी नेता मनेंद्र सिंह को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है. खुद को पूर्व छात्र नेता बताने वाले मनेंद्र सिंह ने रविवार को रामनवमी के अवसर पर सिकंदरा स्थित सैयद सालार मसूद गाजी की मजार पर चढ़कर भगवा झंडा फहरा दिया था.

इस मामले में बवाल बढ़ने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने 20 से अधिक आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था.

इनमें मनेंद्र प्रताप सिंह, राजकुमार सिंह, विनय तिवारी, अभिषेक सिंह आदि आरोपी नामजद हैं.पुलिस के मुताबिक मनेंद्र प्रताप सिंह हिंदूवादी संगठन महाराजा सुहेलदेव सम्मान सुरक्षा मंच से जुड़ा है. वह खुद को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का पूर्व छात्र नेता बताता है. रविवार को जब समूचे देश में रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा था, उस समय मनेंद्र अपने साथियों के साथ जय श्रीराम के नारे लगाते हुए सिकंदरा स्थित गाजी मियां की मजार पर चढ़ गया. वहां हंगामा करते हुए दोनों गुंबदों पर भगवा ध्वज फहरा दिया था.

पुलिस ने आरोपी को जेल भेजा

इसके बाद हरकत में आई प्रयागराज पुलिस ने आरोपी और उसके साथियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था.इसी मामले में सोमवार को पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट किया है. पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया है. पुलिस के मुताबिक आरोपी की गिरफ्तारी माहौल खराब करने की कोशिश के आरोप में हुई है. उसके खिलाफ रविवार को ही प्रयागराज के बहरिया थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था.

दरगाह प्रबंधन दी थी तहरीर

इस संबंध में दरगाह की मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष सफदर जावेद ने पुलिस में तहरीर दी थी. पुलिस के मुताबिक आरोपी मनेंद्र प्रताप सिंह को शांति पुरम चौराहा फाफामऊ के पास से अरेस्ट किया गया है. उस समय वह कुछ यूट्यूबर्स इंटरव्यू देकर घर वापस लौट रहा था. आरोपी के खिलाफ पहले से भी एक मुकदमा दर्ज है.

कौन है मनेंद्र प्रताप सिंह ?

युवक मनेंद्र प्रताप सिंह ने खुद को संघ और बीजेपी का कार्यकर्ता बताया है. उसने अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल में खुद को इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी का पूर्व छात्र नेता भी लिखा है. वह इलाहाबाद के सहसो में रहता है. कुछ दिनों पूर्व मनेंद्र ने प्रयागराज के डीएम और पुलिस कमिश्नर को अपने समर्थकों के साथ एक ज्ञापन भी दिया था. ज्ञापन में इस दरगाह की जमीन की पैमाईश कर इसकी वस्तुस्थिति पता करने की मांग की थी.

‘दरगाह को तुरंत ध्वस्त कर देना चाहिए’

मनेंद्र का कहना है कि- सालार मसूद गाजी आक्रांता था. ऐसे में तीर्थराज प्रयाग में उसकी कोई दरगाह नहीं होनी चाहिए. यह दरगाह भी गाजी की दरगाह नहीं हो सकती, क्योंकि यहां पर सभी समाधि हिन्दुओं की हैं. इसलिए दरगाह को तुरंत ध्वस्त कर देना चाहिए. उस जगह हिंदुओं को पूजा पाठ के लिए सौंप देनी चाहिए.

पुलिस ने इस मामले में जो बयान दिया है, उसमें में स्वीकार किया गया है कि यहां हिंदुओं की 5 मजार या समाधियां हैं. पुलिस ने गाजी मियां का जिक्र तक नहीं किया. अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में जो भी कानून व्यवस्था को चुनौती देगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इलाके में शांति व्यवस्था कायम है. इस प्रकरण में जिन स्थानीय पुलिस कर्मियों की लापरवाही सामने आएगी, उन पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

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