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कोल इंडिया के अंतर्गत संचालित SECL की कोरबा पश्चिम खदानों में लीज क्षेत्र से बाहर कोयले खनन का आरोप, 1115 करोड़ का लगा अर्थदंड

कोरबा 12 दिसम्बर। सार्वजनिक क्षेत्र के वृहद उपक्रम कोल् इंडिया के अधीन संचालित एसईसीएल बिलासपुर की कोरबा-पश्चिम क्षेत्र में स्थापित खुले मुहाने की गेवरा कोयला परियोजना अंतर्गत एसईसीएल की मेगा परियोजना एसईसीएल के कुसमुंडा खदान में लीज क्षेत्र से बाहर जाकर कोयला खनन के मामले में पर्यावरण विभाग भी जांच करेगा।

छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधीक्षण अभियंता ने क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी को जांच के निर्देश दिए हैं। खनिज विभाग पहले से ही जांच कर रहा है। अब तक 1115 करोड़ की पेनल्टी लगाया जा चुका है। कुसमुंडा खुले मुहाने की कोयला खदान को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से लीज क्षेत्र में कोयला खनन करने की मंजूरी है, लेकिन वर्ष 2006 के पहले और वर्तमान वर्ष तक क्षेत्र के बाहर खनन की शिकायत मिली है।

मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट लक्ष्मी चौहान ने माइनिंग विभाग के साथ ही पर्यावरण संरक्षण मंडल में भी शिकायत की है। इसमें आरोप लगाते हुए कहा गया हैं कि एसईसीएल प्रबंधन ने स्वयं बताया कि कितने क्षेत्र में कोयला खान किया है। वर्ष 2006 में लीज क्षेत्र 1673 हेक्टेयर में से 750 हेक्टेयर में खनन करना था, लेकिन 950 हेक्टेयर अधिक जमीन में खनन किया है। 2009 में माइनिंग एरिया 2536 हेक्टेयर में से 1666 हेक्टेयर में खनन की अनुमति थी, लेकिन 2666 हेक्टेयर में उपयोग कर 1274 हेक्टेयर में खनन किया। वर्ष 2014 में भी 2536 हेक्टेयर और उत्खनन क्षेत्र 1066 हेक्टेयर निर्धारित किया गया था, लेकिन 1483 हेक्टेयर में माइनिंग की गई है। इसी तरह लीज क्षेत्र 1673 हेक्टेयर से बढ़ाकर 2536 हेक्टेयर करना था।

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