कांग्रेस भवन विवाद का मामला दिल्ली जा पहुंचा,पूर्व महापौर राजेश पांडे ने कहा..
बिलासपुर:कांग्रेस भवन में विवाद नया नहीं है। बैठकों के दौरान आला नेताओं के सामने पदाधिकारी अपनी भड़ास निकालते ही रहे हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ। पूर्व मेयर राजेश पांडेय और पीसीसी के पदाधिकारी के बीच विवाद हुआ, गाली-गालौज भी हुई। बात कांग्रेस हाई कमान तक जा पहुंची। वहीं दूसरी तरफ
पूर्व महापौर राजेश पांडेय बैकफुट पर आ गए हैं। उन्होंने इस घटना को लेकर खेद जताया और कहा कि मेरी मंशा किसी भी पदाधिकारी को ठेस पहुंचाने की नहीं थी।उनकी बातों को समझने में भूल कर दी गई।
ये बातें पूर्व महापौर ने रविवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। बता दे कि विवाद का पूरा मामला इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हो गया। बात इतनी बिगड़ी कि मामले में शहर अध्यक्ष विजय पांडेय को पूर्व महापौर को कारण बताओ नोटिस जारी करना। उन्होंने बंद लिफाफे में जवाब भी दे दिया है। यह मामला यही पर शांत नहीं हुआ। बात दिल्ली तक पहुंच गई। बिलासपुर जिला संगठन प्रभारी सुबोध ने एआइसीसी के महासचिव व प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट से मिलकर कांग्रेस भवन की घटना का ना केवल जिक्र किया है वरन कार्रवाई की मांग भी की है। चर्चा तो इस बात की भी है कि हरितवाल सीधी कार्रवाई चाह रहे हैं।
इसी सरगर्मी के बीच अचानक रविवार को पूर्व महापौर ने प्रेसवार्ता बुलाई। जिसमें उन्होंने घटना को लेकर खेद जताई। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज से रायपुर में मुलाकात करने की बात स्वीकार की। करीब एक घंटे की इस चर्चा में चुनाव की स्थिति व अन्य मुद्दों को लेकर चर्चा हुई है। वे अध्यक्ष है इसलिए उन्हें मामले की जानकारी दी गई। पूर्व मेयर ने यह भी कहा कि कांग्रेस छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं। हालांकि पूर्व मेयर के बदले सुर को बैज की समझाइश का असर माना जा रहा है। खेद जैसे शब्दों का प्रयोग उन्होंने किया। राम को रावण समझने की भूल भी हो गई। उनका कहना है कि उनकी बातों को समझने में भूल कर दी गई। राम कहा तो रावण समझने की भूल कर दी। उनके सुर में नरमी और बदलाव को लेकर कांग्रेस के भीतर ही सुगबुगाहट चल रही है। दिग्गज पदाधिकारी इस बात की चर्चा भी कर रहे हैं कि सुबोध हरितवाल के दिल्ली में जमाए डेरा का असर तो नहीं।