एनटीपीसी कोरबा को मिला प्रतिष्ठित पुरस्कार, उड़ने वाली राख से ग्रामीणों की जिंदगी प्रभावित
कोरबा: एनटीपीसी कोरबा को 19वें एक्ससीड पर्यावरण, सीएसआर और एचआर अवार्ड्स 2025 में ‘पावर (इन्क्लूसिव रिन्यूएबल्स)’ सेक्टर के तहत ‘पर्यावरणीय स्थिरता’ श्रेणी में प्रतिष्ठित “चैंपियन (उत्कृष्ट)” पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार सस्टेनेबल डेवलपमेंट फाउंडेशन द्वारा प्रदान किया गया है, जिसे भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का समर्थन प्राप्त है।

एनटीपीसी कोरबा के प्रयास
एनटीपीसी कोरबा ने पर्यावरण संरक्षण हेतु कई महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं, जिनमें शामिल हैं
- वृक्षारोपण: एनटीपीसी कोरबा ने वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण संतुलन बनाए रखने का प्रयास किया है।
- उत्सर्जन में कमी: एनटीपीसी कोरबा ने अपने संयंत्रों में उत्सर्जन को कम करने के लिए कई उपाय किए हैं।
- जल प्रबंधन: एनटीपीसी कोरबा ने जल प्रबंधन के माध्यम से जल संसाधनों का संरक्षण किया है।
- फ्लाई ऐश के उपयोग: एनटीपीसी कोरबा ने फ्लाई ऐश के उपयोग को बढ़ावा दिया है, जिससे पर्यावरण प्रदूषण कम होता है।
- हरित ऊर्जा: एनटीपीसी कोरबा ने हरित ऊर्जा को अपनाने के लिए कई पहल की हैं।
ग्रामीणों की परेशानी
एनटीपीसी कोरबा के राखड़ बांध से उड़ने वाली राख ने ग्राम धनरास सहित आसपास के क्षेत्रों के ग्रामीणों की जिंदगी को प्रभावित किया है। ग्रामीण राखड़ बांध से उड़ने वाली राख और प्रदूषण से त्रस्त हैं और एनटीपीसी की वादा खिलाफी को लेकर आंदोलनरत हैं। ग्रामीणों का कहना है कि राखड़ बांध से उड़ने वाली राख ने उनके जीवन को दुश्वार कर दिया है और उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है
बता दे की गत दिवस एनटीपीसी के राखड़ बांध से परेशान ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। धनरास समेत 6 गांव के लोगों ने एनटीपीसी के अफसरों पर राख फेंका, जिससे अफसरों को मौके से भागना पड़ा। ग्रामीण रोजगार, मुआवजा और राख वर्षा से निजात पाने के लिए आंदोलन कर रहे थे, लेकिन अफसरों से सकारात्मक आश्वासन नहीं मिलने पर लोग भड़क गए।
ग्रामीणों का आरोप है कि एनटीपीसी के अधिकारी उनकी समस्याओं को अनदेखा कर रहे हैं और उन्हें कोई समाधान नहीं दिया जा रहा है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है और वे आंदोलन के मूड में हैं ।