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‘एक पेड़ महतारी के नाम’ महाभियान का शुभारंभ

प्रकृति को सहेजने के इस महती आंदोलन का हिस्सा बनें आम नगारिक: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

एक पेड़ महतारी के नाम रथ को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना

निजी एफ एम चैनल ने जन जागरण के लिए शुरू किया अभियान

प्रकृति को सहेजने के इस महती आंदोलन का हिस्सा बनें आम नगारिक: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
प्रकृति को सहेजने के इस महती आंदोलन का हिस्सा बनें आम नगारिक: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
प्रकृति को सहेजने के इस महती आंदोलन का हिस्सा बनें आम नगारिक: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
प्रकृति को सहेजने के इस महती आंदोलन का हिस्सा बनें आम नगारिक: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
प्रकृति को सहेजने के इस महती आंदोलन का हिस्सा बनें आम नगारिक: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
प्रकृति को सहेजने के इस महती आंदोलन का हिस्सा बनें आम नगारिक: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

रायपुर। पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अभिनव पहल पर ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ का अनुसरण करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ में ‘‘एक पेड़ महतारी के नाम’’ महाअभियान की शुरूआत की। उन्होंने इस मौके पर आम नगारिकों से प्रकृति को सहेजने के इस महती आंदोलन का हिस्सा बनने की अपील की। मुख्यमंत्री ने एक पेड़ महतारी के नाम रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम में वाणिज्य उद्योग एवं श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल भी मौजूद थे।

    मुख्यमंत्री निवास परिसर में अभियान की शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने 94.3 माय एफ एम को बधाई देते हुए कहा कि वह इस अभिनव पहल को जन-जन तक पहुंचाने के लिए ‘‘एक पेड़ महतारी के नाम’’ अभियान की शुरूआत कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ महतारी को हरियर बनाने के लिए माय एफ एम की पहल के साथ राज्य के आमजनों को अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी इस अभियान से जुड़े और एक पेड़ जरूर लगाएं। हमारी मातृशक्ति देवियों की पुण्य भूमि दंतेवाड़ा, रतनपुर, डोंगरगढ़, चंद्रपुर तथा कुदरगढ़ में भी हम मातृशक्ति की वंदना करते हुए पेड़ लगाएंगे। आप सभी प्रकृति को सहेजने के इस महती आंदोलन का हिस्सा बनें। आप सभी का यह प्रयास मिल का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर स्कूली बच्चों को विभिन्न किस्मों के पौधों के बीज भी वितरित किए और उन्हें वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित किया।

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