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अगर पैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ से चाहिए तो हिंदी से नफ़रत क्यों ? स्टालिन को पवन कल्याण का दो टुक जवाब

हिंदी भाषा विवाद पर पवन कल्याण ने तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए दोहरा रवैया अपनाने पर सवाल उठाए…

नई दिल्ली: जनसेना प्रमुख पवन कल्याण ने पार्टी के 12वें स्थापना दिवस पर धर्म और भाषा के मुद्दे पर बेबाक राय रखी. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म हमें एक-दूसरे के धर्म का सम्मान करना सिखाता है, धर्म के नाम पर राजनीति नहीं.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि गलती को धर्म से जोड़कर देखना गलत है, बल्कि सही मायने में सेक्युलरिज्म को समझना ज़रूरी है.

हिंदी भाषा विवाद पर पवन कल्याण ने तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए दोहरा रवैया अपनाने पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि एक तरफ तो हिंदी थोपने का आरोप लगाया जाता है, वहीं दूसरी तरफ तमिल फ़िल्में हिंदी में डब करके उत्तर भारत में रिलीज़ की जाती हैं. उन्होंने कहा कि अगर पैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ से चाहिए तो हिंदी से नफ़रत क्यों?

भारत अखंड है बांटने की कोशिश कोई ना करे
पवन कल्याण ने साफ़ किया कि भारत को कोई केक समझकर बांटने की कोशिश न करे. उन्होंने कहा कि जिस तरह उत्तर में हिमालय में भगवान शिव का कैलाश है और दक्षिण में उनके पुत्र मुरुगन का निवास है, उसी तरह भारत अखंड है. उन्होंने कहा कि ना तो देश को कोई बांट सकता है और ना ही किसी के पास इतनी हिम्मत है.

गौरतलब है कि भाषा के मुद्दे पर पवन कल्याण के बयान से पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी हिंदी थोपे जाने का विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार को सभी 22 भाषाओं को समान दर्जा देना चाहिए. पवन कल्याण का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में भाषा को लेकर एक नई बहस छिड़ी हुई है.

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