CHHATTISGARHKORBA

श्रमिकों और पूंजीपतियों के बीच रिश्तों में तनाव बढ़ता जा रहा :दीपेश

0 एटक कार्यालय में मनाया गया मजदूर दिवस,शहीद श्रमिकों को श्रद्धांजलि दी

कोरबा। आज मई दिवस के अवसर पर एटक कार्यालय कोरबा में कामरेड दीपेश मिश्रा ने ध्वजारोहण किया उसके बाद मजदूर आंदोलन में जान निछावर करने वाले अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित किया गया तत्पश्चात सभा को संबोधित करते हुए एटक के दीपेश मिश्रा ने कहा कि आज भी पूरे विश्व मे श्रम एवं पूंजी के बीच विकास से जुड़ी हिस्सेदारी मे किसकी भुमिका ज्यादा है उसको लेकर विवाद आज भी कायम है उन्होंने आगे कहा कि पूरे दुनिया भर के तमाम देशों मे ग्लोबलाइजेशन( भूमंडलीकरण) के कारण श्रमिकों और पूंजीपतियों के बीच रिश्तों मे लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है वहीं हिंदुस्तान में वर्ष 1991से जब आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत हुई उस समय यह कहा गया था कि नई आर्थिक नीति से रोजगार तेजी से बढ़ेंगे लेकिन वैसा कुछ भी हुआ नहीं उसके उलट सरकारी क्षेत्र में नौकरियां लगभग घट गई है यहां तक की निजी क्षेत्र मे भी रोजगार मे कोई दमदार बढ़ोतरी नहीं हुई है इसी तरह पूरे देश मे विकास का मौजूदा रोड मैप अधिकतर लोगों के जीवन पीड़ा को और बढ़ा दिया है वहीं मौजूदा सरकार कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए श्रम कानूनों में व्यापक सुधार करते हुए महत्वपूर्ण 44 श्रम कानूनों को समेट कर चार लेबर कोड में तब्दील कर पब्लिक डोमेन में ले आया है और कभी भी इसका अधिसूचना जारी हो सकता है उन्होंने आगे कहा कि यह सरकार देश का सबकुछ नीजी हाथों मे देने का मुहिम चला रही है इस क्रम मे नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के तहत सरकारी संपत्तियों को चुनिंदा कारपोरेट घरानों के हवाले करने की दिशा मे आगे बढ़ने की तैयारी कर रही है जिसका श्रम संगठन खुलकर विरोध कर रहे हैं उन्होंने आगे कहा कि यह सरकार अपने बजटीय घाटे को पूरा करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र जो देश की धरोहर उनके शेयर बेच रही है इस क्रम मे उन्होंने आगे कहा कि दुनिया की सबसे ज्यादा कोयला उत्पादन करने वाली कंपनी कोल इंडिया मे सरकारी हिस्सेदारी जो पहले सौ फीसदी थी वह घट कर 62 फीसदी हो गई है यानी की कोल इंडिया की 38 फीसदी शेयर बेच दी गई है इसका मतलब अगर 13 फीसदी शेयर और बीका तो कोल इंडिया भी बालको के जैसा एक निजी कंपनी बन जाएगी जो हमें मंजूर नहीं है दीपेश मिश्रा ने आगे कहा कि मौजूदा सरकार कमर्शियल माइनिंग के जरिए कोल इंडिया के एकाधिकार को पूरी तरह खत्म कर चुनिंदा उद्योग घरानों को लाभ पहुंचाना चाहती है जिसका जिसका केंद्रीय श्रम संगठन विरोध कर रहे हैं उन्होंने अंत मे कहा कि एटक श्रम संगठन देश की धरोहर सार्वजनिक क्षेत्र का हितैषी है इसके साथ ही कोल इंडिया जो इस देश की धरोहर है उसके किसी भी तरह के निजीकरण के हम खिलाफ हैं और एटक संगठन सभी मेहनतकशों का हितैषी है हमारी यह समझ हैकि मौजूदा सरकार की जो नीतियां है वो जनविरोधी एवं मजदूर विरोधी है और एटक चाहता है कि मौजूदा सरकार इस पर पुनः विचार करें। कामरेड एन.के.दास ने भी सभा को संबोधित किया ।आज के कार्यक्रम में कामरेड राजु श्रीवास्तव,राजेश पांडे, सुभाष सिंह, एस.के.प्रसाद, नंद किशोर साव, भागवत सिंह, एस.एन.गिरी, उज्जवल बनर्जी, राजेश दुबे. रामलाल साहू, जॉय मुखर्जी, सुबोल दास,रमाकांत शर्मा, घनश्याम त्रिपाठी, अरुण राठौर, विश्वजीत मुखर्जी,देवाशीष डे, सुनील राठौर,जे.एल. चंद्रा,रामजी साहू, अशोक रजक, , सुरेश कुमार,जय कुमार राठौड़ , सौखीलाल चंद्रा,अनंता नंद झा ,अशेक राय,मनोज श्रीवास, सतीश मसीह, डी.के.पटेल, गणेश यादव,मोहन,प्रवीण धीरेंद्र,लतेल, घनश्याम त्रिपाठी, विश्वजीत मुखर्जी, देवाशीष दे, गोकुल साहू, मुकुंद चौहान, लखन, दुलार दास, देवेंद्र पाल सिंह, अनिल साहू, श्याम सुंदर मनहर, प्रदीप सोनवानी, अधीर राम, तुलसी कुमार, भास्कर राव, राहुल रंजन आदि उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker