यूरोप में धर्म परिवर्तन की बढ़ती दर: इटली, जर्मनी, स्पेन और स्वीडन में बड़ी संख्या में लोग छोड़ रहे हैं अपना जन्मजात धर्म..इस्लाम और हिंदू धर्म ऐसे हैं… पढ़े पूरी रिपोर्ट
प्यू रिसर्च सेंटर एक गैर-पक्षपाती शोध संस्थान है जो अमेरिका और दुनिया भर के सामाजिक मुद्दों, जनमत और जनसांख्यिकी पर डेटा और विश्लेषण प्रदान करता है. यह एक थिंक टैंक है जो अपने शोध को स्वतंत्र और निष्पक्ष रखता है.मजहब से दूरी बनाने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे मसलों पर शोध करने वाली संस्था प्यू रिसर्च में यह बात सामने आई है कि किस पंथ के लोग छोड़ रहे हैं अपनी आस्था…पढ़े

भले ही कई देश मजहब के नाम पर संघर्ष कर रहे हैं तो वहीं आंतरिक संघर्ष भी आस्था के नाम पर होते रहे हैं। लेकिन विश्व में एक ऐसा तबका भी तेजी से बढ़ रहा है, जो किसी धर्म में आस्था ही नहीं रखता यानी नास्तिक। खासतौर पर यूरोप, अमेरिका, साउथ कोरिया आदि में मजहब से दूरी बनाने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे मसलों पर शोध करने वाली संस्था प्यू रिसर्च के अनुसार इटली, जर्मनी, स्पेन, स्वीडन जैसे देशों में जन्म से प्राप्त धर्म को छोड़ने वाले लोगों की संख्या अधिक है।
प्यू रिसर्च के सर्वेक्षण के अनुसार, इटली, जर्मनी, स्पेन और स्वीडन जैसे देशों में बड़ी संख्या में लोग अपने जन्म से प्राप्त धर्म को छोड़ रहे हैं। इटली में 28.7% लोग नास्तिक हो गए हैं। यह प्रवृत्ति इन देशों में धार्मिक विश्वासों और प्रथाओं में बदलाव की ओर संकेत करती है।
यूरोपीय देशों में धर्म परिवर्तन की दर:
- जर्मनी: जर्मनी में भी बड़ी संख्या में लोग चर्च से दूर हो रहे हैं। अनुमानित 40% से अधिक जर्मन कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट अपने धर्म से दूर हो रहे हैं।
- स्पेन: स्पेन में लगभग 25% लोग कैथोलिक धर्म को छोड़ चुके हैं और नास्तिक या गैर-धार्मिक के रूप में पहचान कर रहे हैं।
- स्वीडन: स्वीडन में लूथरन चर्च की सदस्यता में गिरावट आई है, और लगभग 30% आबादी किसी भी धर्म से जुड़ी नहीं है।
यह बदलाव कई कारकों के कारण हो सकता है, जैसे कि
- आधुनिकीकरण और शहरीकरण: लोगों की जीवनशैली और विश्वासों में बदलाव।
- धार्मिक संस्थानों में अविश्वास: धार्मिक नेताओं और संस्थानों में विश्वास की कमी।
- वैज्ञानिक और तर्कसंगत दृष्टिकोण: विज्ञान और तर्क की ओर बढ़ते झुकाव।
इन देशों में धार्मिक पहचान और विश्वासों में बदलाव एक जटिल मुद्दा है, जिसमें कई सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक कारक शामिल हैं।
किस पंथ के लोग सबसे ज्यादा छोड़ रहे हैं अपनी आस्था
अब सवाल यह है कि ब्रिटेन से लेकर इटली तक नास्तिक बनन वाले लोगों की बड़ी संख्या किस पंथ की है और इससे किसे ज्यादा नुकसान है। इसका जवाब भी प्यू रिसर्च के सर्वे में दिया गया है। सर्वे के अनुसार सबसे ज्यादा ईसाई धर्म से जुड़े लोगों ने ही खुद को नास्तिक घोषित कर लिया है। सर्वे में बताया गय कि 28.4 फीसदी ने ईसाई धर्म छोड़ा है तो महज 1 फीसदी ने ही अपनी आस्था बदलते हुए ईसाई पंथ को अपनाया है। वहीं जर्मनी में 19.7 फीसदी ईसाई ऐसे हैं, जो अब खुद को नास्तिन बताने लगे हैं। इस तरह दुनिया के कई मुल्कों में तेजी से ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है, जो किसी भी धर्म में आस्था नहीं रखते। वहीं दिलचस्प बात है कि इस्लाम और हिंदू धर्म ऐसे हैं, जिनमें अपना जन्म से प्राप्त धर्म छोड़ने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है।