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मुंबई का सबसे लंबा डिजिटल अरेस्ट: 1 महीने वॉट्सऐप कॉल पर रखा, 6 खातों से लूटे 3.8 करोड़..जाने क्या होता है डिजिटल अरेस्ट ?

//डिजिटल अरेस्ट ब्लैकमेल करने का एक एडवांस तरीका है। डिजिटल अरेस्ट स्कैम के शिकार वही लोग होते हैं जो अधिक पढ़े लिखे और अधिक होशियार होते हैं। डिजिटल अरेस्ट का सीधा मतलब ऐसा है कि कोई आपको ऑनलाइन धमकी देकर वीडियो कॉलिंग के जरिए आप पर नजर रख रहा है। डिजिटल अरेस्ट के दौरान साइबर ठग नकली पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को धमकाते हैं और अपना शिकार बनाते हैं। इस दौरान वे लोगों से वीडियो कॉल पर लगातार बने रहने के लिए कहते हैं और इसी बीच केस को खत्म करने के लिए पैसे भी ट्रांसफर करवाते रहते हैं।//

मुंबई: डीजिटल अरेस्ट के मामले लगातार बढते जा रहे हैं। एक मामला मुंबई से सामने आया है जिसमें एक बुजुर्ग महिला को करीब एक महीने तक वॉट्सऐप कॉल पर रखा और महिला से 3.8 करोड़ लूट लिए।

बता दें कि पीड़ित महिला को वॉट्सऐप वीडियो कॉल पर 24 घंटे रहने के लिए कहा गया था।

करीब एक महीने तक महिला को घर के कंप्यूटर पर वीडियो कॉल को ऑन रखने के लिए कहा गया। कॉल डिस्कनेक्ट होने पर उसे फिर से वीडियो कॉल ऑन करने को कहा जाता था।

कैसे लूटा महिला को : महिला से कहा गया कि एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। आरोपियों ने उनसे डरा-धमकाकर 3.8 करोड़ रुपये ठग लिए। TOI में छपी खबर के अनुसार महिला अपने 75 साल के रिटायर्ड पति के साथ रहती हैं। जबकि इनके बच्चे विदेश में रहते हैं। महिला को एक वॉट्सऐप कॉल आया था। जिसमें कहा गया कि ताइवान भेजा गया उनके नाम का पार्सल पकड़ा गया है। पार्सल में 5 पासपोर्ट, बैंक कार्ड, 4 किलो कपड़े और नशीली दवाएं हैं। महिला ने कॉलर को साफ बताया कि उन्होंने कोई पार्सल नहीं भेजा है। इस पर फोन करने वाले ने कहा कि आधार कार्ड की डीटेल उनकी ही हैं और कॉल फर्जी मुंबई पुलिस अधिकारी को ट्रांसफर कर दी गई। महिला को कहा गया कि उनका आधार कार्ड मनी लॉन्ड्रिंग के से लिंक हो गया है।

स्काई ऐप डाउनलोड करवाया : इसके बाद महिला से स्काई ऐप डाउनलोड करवाया गया और बताया गया कि इससे हम जुड़े रहेंगे। महिला को धमकाया गया कि किसी को इस बार में न बताएं। कॉलर ने अपना नाम IPS आनंद राणा और फाइनेंस डिपार्टमेंट का अधिकारी जॉर्ज मैथ्यू बताया था। महिला को बैंक अकाउंट नंबर दिए और अपने सारे पैसे उनमें ट्रांसफर करने का कहा ताकि वे जांच कर सकें। महिला से कहा गया कि कोई गड़बड़ी नहीं मिली तो पैसे वापस ट्रांसफर कर दिए जाएंगे. महिला को इतना डराया गया कि वॉट्सऐप वीडियो कॉल पर 24 घंटे रहने को कहा गया। महिला झांसे में गई। घर के कंप्यूटर पर एक महीने तक वीडियो कॉल को ऑन रखा गया। जब भी कॉल डिस्कनेक्ट होता, वे महिला से तुरंत वीडियो कॉल ऑन करने को कहते और लोकेशन की जानकारी चेक करते रहते।

बैंक में पैसे करवा लिए ट्रांसफर : महिला से कहा गया कि बैंक जाकर पैसे ट्रांसफर करें और अगर पूछताछ हो तो बता दें कि कोई प्रॉपर्टी खरीदनी है। महिला ने पैसे ट्रांसफर कर दिए। आरोपियों ने उसमें से 15 लाख वापस कर दिए। महिला का विश्वास जीत लिया। इसके बाद पति के जॉइंट अकाउंट से भी पैसे ट्रांसफर करने के कहा गया। महिला ने छह बैंक खातों से 3.8 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए।

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