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टेंशन में एकनाथ शिंदे…जल्द ले सकते है बड़ा फैसला..!

मुंबई: मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई के राजभवन में जाकर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा सौंप दिया है। इस मौके पर उनके दोनों उपमुख्यमंत्री अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद रहे, लेकिन उनके दोनों उपमुख्यमंत्रियों अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस के साथ-साथ इस्तीफा दे चुके मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के चेहरे का हावभाव पूरी कहानी बयां कर रहा है। निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को यह आभास हो गया है कि अब उनके पास मुख्यमंत्री की कुर्सी केवल कुछ घंटों की मेहमान है।

राजनीतिक गलियारों में यही संभावना यही जतायी जा रही है कि देवेंद्र फडणवीस एक-दो दिनों में मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेंगे। शिवसेना शिंदे व अजित पवार के गुट को डिप्टी सीएम की कुर्सी से काम चलाना पड़ेगा। ये हो सकता है कि दोनों दलों को महत्वपूर्ण विभाग मिल जाए। दोनों की नजर गृह व वित्त पर भी होगी।

आज इस्तीफा देने के बाद एकनाथ शिंदे खुश नजर नहीं आ रहे थे। इसीलिए अब इस बात का कयास लगाया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे क्या करेंगे मुख्यमंत्री के पद से हटने के बाद वह देवेंद्र फडणवीस की कैबिनेट में मंत्री बनेंगे या उनके डिप्टी सीएम के रूप में काम करेंगे। या फिर सरकार से बाहर रहकर पार्टी को और मजबूत करने का काम करते हुए एक परिपक्व नेता बनने का संदेश देंगे।

कहा जा रहा है कि अगर एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम या मंत्री बनाकर कार्य करते हैं तो उनकी राजनीतिक छवि को एक गहरा झटका लग सकता है। लोग कहेंगे कि एक मुख्यमंत्री मंत्री पद की लालसा में एक ऐसे सीएम का मातहत बनकर काम कर रहा है, जो उसका मातहत रहा हो।

राजनीतिक कद बढाने का मौका
वहीं कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि एकनाथ शिंदे को अगर भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री बनने का अवसर नहीं देती है तो उनको अपना दिल बड़ा करते हुए अपने किसी भरोसेमंद व्यक्ति को डिप्टी सीएम के रूप में कुर्सी पर बैठना चाहिए और पार्टी के एक सशक्त लीडर के रूप में उनका स्वतंत्र होकर काम करना चाहिए। अगर वह कैबिनेट में शामिल होते हैं या डिप्टी सीएम के पद पर आसीन होते हैं तो वह पार्टी पर उतना महत्वपूर्ण तरीके से नियंत्रण नहीं रख पाएंगे। लेकिन अगर वह पार्टी के अन्य लोगों पर भरोसा करके कैबिनेट में अधिक से अधिक लोगों को जगह दिलवाने में सफल होते हैं और किसी दूसरे व्यक्ति को डिप्टी सीएम की कुर्सी देते हैं तो उनका राजनीतिक कद बढ़ जाएगा। साथ ही साथ पार्टी के अंदर भी उनकी पकड़ मजबूत होगी।

शिंदे के सामने विकल्प
इसके साथ ही साथ वह केन्द्र की राजनीति में जाने की सोच सकते हैं और केन्द्र सरकार में मंत्री बनकर पूरे देश में अपनी राजनीतिक छवि बेहतर कर सकते हैं। अगर वो ऐसी इच्छा जाहिर करते हैं तो भाजपा को भी इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी। वह मोदी के अगले कैबिनेट विस्तार में शामिल किए जा सकते हैं।

23 नवंबर को मतगणना के बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने जीत हासिल की। भाजपा ने महायुति का नेतृत्व किया और अपने सहयोगियों-शिवसेना और एनसीपी-को अपने साथ लेकर शानदार जीत दर्ज की। महाराष्ट्र में भाजपा ने 132 सीटें जीतीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीटें जीतीं और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं। राज्य में 288 विधानसभा सीटें हैं। महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के घटकों को करारा झटका लगा, जिसमें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीटें, कांग्रेस ने 16 और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एससीपी) ने केवल 10 सीटें जीतीं।

भाजपा ने महाराष्ट्र में 148 सीटों पर चुनाव लड़कर 132 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया। पार्टी के सहयोगी शिवसेना और एनसीपी ने भी बहुत अच्छा प्रदर्शन किया।

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