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KORBA: भाजपा में नए चेहरे को आगे लाने का चल रहा ट्रेंड, ऐसे में सभापति क्या दिग्गज नेता बन पाएंगे ?

कोरबा: सत्ताधारी भाजपा ने प्रदेश के नगरीय निकाय चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया था। भाजपा ने प्रदेश के सभी 10 नगर निगमों में जीत हासिल की थी, जिनमें नगर निगम रायपुर, रायगढ़, चिरमिरी, राजनांदगांव, अंबिकापुर, धमतरी, बिलासपुर, कोरबा, दुर्ग और जगदलपुर शामिल हैं।

इस विजयी अभियान के बाद अब भाजपा ने नगर निगम में सभापति पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभापति के चयन के लिए पार्टी ने पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। इन पर्यवेक्षकों की सूची सोशल मीडिया पर साझा की गई है।

कोरबा नगर निगम में सभापति चयन के लिए विधायक पुरंदर मिश्रा को पर्यवेक्षक बनाया गया है। पर्यवेक्षक की नियुक्ति के बाद कोरबा में सभापति पद के दावेदारों की हलचल बढ़ गई हैं। वहीं आमजनों के बीच सभापति बनने के लायक अलग अलग नाम की चर्चा हैं। बता दे की निगम चुनाव में भाजपा मेयर प्रत्याशी संजू देवी राजपूत सहित 67 में से 45 पार्षद प्रत्याशी ने चुनाव में बाजी मारी। इनमें से कुछ ऐसे दिग्गज भाजपा नेता हैं जिन्होंने सभापति बनने की खातिर पार्षद का चुनाव लड़ा था। सभापति के लिए जो नाम सर्वाधिक चर्चा में है उनमें मंत्री लखनलाल देवांगन के भाई और निर्विरोध पार्षद चुने गए नरेन्द्र देवांगन,पूर्व सभापति अशोक चावलानी,पूर्व नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल,नूतन सिंह राजपूत, चंद्रलोक सिंह और लक्ष्मण श्रीवास ।
राजनीति के जानकार यह मानते है की सभापति पद पर ओबीसी वर्ग से नया चेहरा पार्टी देगी। दरअसल यह बात इसलिए कही जा रही हैं क्योंकि भाजपा में नए चेहरे को सामने लाने का ट्रेंड बन गया हैं। मेयर चुनाव में भी पार्टी ने संजू देवी राजपूत को टिकट दी थी। संजू देवी रिकार्ड मतों से चुनाव जीत कर मेयर बन गई।
बता दे की भाजपा के अंदर इस बात को लेकर भी चर्चा चल रही है की सामान्य वर्ग से मेयर हैं तो सभापति पद पर स्थानीय ओबीसी वर्ग से बैठाया जाना चाहिए है।

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