KORBA: भाजपा कांग्रेस को अपनी पार्टी का महापौर बनाने के लिए इस बार नहीं डालने पड़ेंगे निर्दलिय पार्षदों पर डोरे
कोरबा:नगरीय निकाय-पंचायत चुनाव 2025 के लिए डुगडुगी बज चुकी है। इसी के साथ इस बार आम जनता को सीधे महापौर चुनने का अवसर मिलेगा। पिछली बार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में निकाय चुनाव 2019 के दौरान निर्दलियों की खूब पूछ-परख थी।
दरअसल, तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महापौर चुनने के नियम में बदलाव करके महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से कराया था। इसके चलते पार्टियों को निर्दलीय पार्षदों पर डोरे डालने पड़े थे। भाजपा-कांग्रेस समेत अन्य दलों ने निर्दलियों का समर्थन प्राप्त करके अपना महापौर बनाने के लिए कड़ी मशक्कत की थी।
मात्र एक वोट से जीतकर राजकिशोर प्रसाद कोरबा के महापौर बने थे
बता दे कि 2019 में महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से कराया गया था, इस चुनाव में छत्तीसगढ़ के सभी 10 नगर निगमों से भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया था।
कांग्रेस ने दम दिखाते हुए कोरबा के नगर निगम पर भी अपना कब्जा कर लिया। चुनाव में कांग्रेस के राजकिशोर प्रसाद नए महापौर निर्वाचित हुए थे । उन्होंने भाजपा की उम्मीदवार ऋतु चौरसिया को महज एक वोट से हराकर अपनी जीत दर्ज की थी। बागी और निर्दलीयों के साथ के बाद अंतिम समय में जोगी कांग्रेस ने भी हाथ का साथ थाम लिया था। जिसके चलते कांग्रेस का पक्ष मजबूत हो गया।
कोरबा में शहर सरकार चुनने के लिए कांग्रेस अपनी ओर से पूरी जोर आजमाइश लगाए हुए थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जहां इसको लेकर पसोपेश में थे, वहीं एक दिन पहले से वहां डेरा जमाए पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम और कांग्रेस नेता जयसिंह अग्रवाल जीत के लिए शुरू से निश्चिंत थे। कोरबा नगर निगम में हैं 67 वार्ड, 31 में भाजपा, 25 कांग्रेस और 11 मेें जोगी कांग्रेेस सहित अन्य ने दर्ज की थी। शुक्रवार को हुए मतदान के दिन कांग्रेस के राजकिशोर प्रसाद को 34 वोट मिले है, जबकि भाजपा की ऋतु चौरसिया को 33 पार्षदों का समर्थन मिला था।
दरअसल, शुरू में बने समीकरण के आधार पर भाजपा ने एक बागी और एक निर्दलीय का समर्थन लेकर 33 का आंकड़ा छू लिया था, जो कि अंतिम समय तक उसके साथ थे । वहीं कांग्रेस 3 बागी और 2 सीपीएम के पार्षदों को मिलाकर 31 तक ही पहुंच गई थी। दिन निकलते ही बसपा के भी एक पार्षद ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। ऐसे में दोनों दलों के पास निगम में लगभग बराबर की स्थिति हो गई थी। इसके बाद जोगी कांग्रेस के दो पार्षद निर्णायक की भूमिका में पहुंच गए थे.
