0 आरक्षण की सुविधा प्राप्त दिव्यांग भी परेशान
कोरबा। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे,बिलासपुर जोन के सर्वाधिक राजस्व देने वाले कोरबा में स्थित कंप्यूटरीकृत आरक्षण केंद्र में कई प्रकार की समस्याओं से लोगों का हर दिन सामना हो रहा है। बार-बार जानकारी देने पर भी समस्याएं हल नहीं हो सकी है, जिससे लोग परेशान हैं।
मनमानी का आलम यह है कि यहां के बाबू द्वारा दुर्व्यवहार किया जाता है। दिव्यांग जन आवश्यक प्रमाण पत्र होने के बाद भी किसी न किसी तरह से इस बाबू के द्वारा परेशान हो रहे हैं। रेल्वे द्वारा प्रदत्त कन्सेशन टिकट लेने वालों को बिना कारण लौटाया जाता है। आरक्षण काउन्टर पर रहने वाले उक्त बाबू पर कार्यवाही आवश्यक बताई जा रही है। इस बारे में अवगत कराने के बाद भी अधिकारियों को आवेदन की दरकार है जबकि अखबारों और सोशल मीडिया की खबरों पर स्वत: संज्ञान लेकर आवश्यक कार्रवाई और सुधार की पहल होना चाहिए।
आरक्षित रेल टिकट लेने के लिए इस केंद्र में पहुंचने वाले लोगों की शिकायत है कि रेलवे ने जिन कर्मियों को यहां ड्यूटी करने के लिए बैठाया है, वे पूरी तरह गंभीर नहीं है। यहां पर लगे हुए डिस्प्ले बोर्ड में टी ब्रेक के लिए जो समय दिया गया है उससे कहीं ज्यादा समय कर्मचारी लेते हैं और अलग-अलग समय पर अपनी सीट पर नजर नहीं आते। ऐसे में रेल टिकट लेने के लिए आने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। वर्तमान में केवल दो ही काउंटर सेवाएं दे रहे हैं जबकि रेलवे ने यहां पर आठ काउंटर की व्यवस्था कर रखी है। शिकायत यह भी है कि कन्र्सेशन टिकट लेने के लिए जो लोग यहां पर पहुंचते हैं उन्हें या तो परेशान किया जाता है या फिर बिना कारण के लौटा दिया जाता है। इसके पीछे कमीशनखोरी सबसे बड़ी जड़ है। रिजर्वेशन काउंटर हॉल में पंखों की सुविधा भी नहीं है जिससे समस्याएं हो रही है। यात्रियों ने बताया कि काफी लंबे समय से रिजर्वेशन परिसर के मुख्य द्वार को लोहे की जंजीर से बंद कर रखा गया है, ऐसे में लोगों के वाहन असुरक्षित रूप से बाहर रखने की मजबूरी है। ऐसी स्थिति में वाहन के चोरी होने की आशंका बनी रहती है। इन सभी मसलों से रेल अधिकारियों को पत्र के अलावा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से अवगत कराया जा चुका है लेकिन इन सब का कोई नतीजा नहीं आ सका है जिससे संबंधित लोगों में रेल अधिकारियों के प्रति नाराजगी बढ़ती ही जा रही है।
0 रेल जनित समस्याओं से जूझ रही जनता

कोरबा में रेलवे के आरक्षण केंद्र पर ही असुविधा नहीं है बल्कि रेलवे जनित अन्य तरह की समस्याओं का भी सामना लोग कर रहे हैं। रेलवे के द्वारा शहर के भीतर और आउटर क्षेत्र में क्रॉसिंग पर भारी मनमानी चलाई जा रही है। कोयला मालगाड़ियों को पार करने के लिए मालगाड़ी के आने से 5-10 मिनट पहले से ही फाटक बंद कर दिए जाते हैं जिससे जरूरी कार्यों से जाने वाले लोगों को बड़ी समस्या होती है रेलवे क्रॉसिंग पर रेल पांत की मरम्मत के बाद उसे समतल नहीं कराया जाता बल्कि ऊबड़-खाबड़ सड़कों से होकर गुजरने की मजबूरी बनी हुई है। स्टेशन रोड नहर पुल और मुख्य रूप से पुराना पावर टॉकीज ऊषा काम्प्लेक्स रेलवे क्रॉसिंग पर इस तरह की तकलीफ से हर दिन जनता जूझ रही है। यह सभी काफी व्यस्त मार्ग हैं और ट्रेनों को पार करने के दौरान दोनों तरफ काफी जाम लग जाता है। फाटक खोलने के बाद निकलने की आपाधापी में ऊबड़-खाबड़ क्रॉसिंग पर वाहन फंसने के साथ उन्हें निकालने के चक्कर में दुर्घटना की आशंका हर समय बनी रहती है। रेलवे के द्वारा रेलपटरियों के आसपास साफ सफाई करने के बाद इसके मलवा का ढेर खड़ा कर दिया जा रहा है वहीं मरम्मत के समय गिट्टी आदि सामग्रियां बिखेर देने व सफाई नहीं कराने के कारण भी लोगों को वाहन चालन में दिक्कत होती रही है। यह सब जानबूझकर किया जाना प्रतीत होता है जिसमें यह कहना गलत नहीं होगा कि आम जनता को परेशान करने का काम जानबूझकर हो रहा है।
0 जनप्रतिनिधियों को कोई मतलब नहीं
रेलवे केंद्र सरकार का उपक्रम है लेकिन राज्य सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन के अधीन होकर भी इन्हें काम करना पड़ता है। समय-समय पर शासन-प्रशासन के द्वारा रेलवे की गतिविधियों पर नजर रखे जाने की अपेक्षा आम जनता की है लेकिन कोरबा में ऐसा बहुत ही कम देखने को मिल रहा है। रेलवे जहां अपनी मनमानी करता आ रहा है वहीं जनता को समस्याओं से छुटकारा दिलाने अथवा समस्या कम करने के प्रति अपेक्षित गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। क्या यह समस्या जनप्रतिनिधियों को नजर नहीं आ रही है? विधानसभा चुनाव में शहर की जनता ने इन क्रॉसिंग से जूझते हुए मतदान के प्रति अपनी अरुचि जाहिर की थी और अब लोकसभा का चुनाव आने वाला है लेकिन क्रॉसिंग पर हर दिन अटकते-झटकते, हादसों से बचते-बचाते गुजरने वालों के मन में गुस्सा तो कायम ही है। बड़े-बड़े जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधि बन कर तनने वाले भी इस तरह की समस्या को नजरअंदाज कर रहे हैं और निराकरण के लिए कोई पहल करते आज तक नहीं दिखे हैं।