KORBA:पौधारोपण घोटाले की जांच होगी,DFO ने समिति गठित की
0 बिना बिजली कैसे चल रहे बोर, इसकी भी पड़ताल की जाएगी
कोरबा-कटघोरा। कोरबा जिले के कटघोरा वन मंडल अंतर्गत आने वाले पसान वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत पिपरिया में वर्ष-2021 में कैम्पा मद से कराए गए करोड़ों की लागत से सिंचित रोपणी पौधारोपण में घोटाले की जांच की जाएगी। 265 हेक्टेयर क्षेत्रफल में कराए गए पौधारोपण में से जहां महज 20 प्रतिशत पौधे ही आज की स्थिति में जीवित बचे हैं वहीं 135 हेक्टेयर क्षेत्रफल मिसिंग भूमि है अर्थात यह जमीन है ही नहीं। विभागीय सूत्रों की मानें तो 135 हेक्टेयर क्षेत्रफल भूमि नहीं होने के बावजूद इस पर पौधारोपण दर्शाया गया है। इन पौधों को सींचने के लिए वर्ष-2022 में पार्ट-1 के 150 हेक्टेयर क्षेत्रफल के पौधों हेतु 12 बोर तथा पार्ट-2 के 115 हेक्टेयर क्षेत्रफल में रोपित पौधों हेतु 9 बोर खनन कराए गए। आश्चर्य की बात यह है कि उक्त रोपणी क्षेत्र में बिजली नहीं है। बिना बिजली सुविधा के 21 बोर का खनन करा दिया गया। बोर खनन कराने के बाद टेस्टिंग के लिए जनरेटर का सहारा लिया गया और सब कुछ ओके बताकर, जियो टैगिंग में सब कुछ सही दिखाकर करोड़ों रुपए आहरित कर लिए गए। इन राशि की कहीं न कहीं बंदरबांट हुई है। पौधोरोपण में घपला हुआ है तो बोर के औचित्य पर भी सवाल उठे हैं। 21 बोर में लगाए गए मोटरों में से 8 बोर के मोटर चोरी हो गए हैं।
सत्य संवाद ने इन दोनों मामलों को काफी प्रमुखता से सामने लाया है व कटघोरा वन मंडलाधिकारी कुमार निशांत के संज्ञान में भी बात लाई गई है। उन्होंने कहा है कि इस मामले का उन्हें पता चला है जिसके लिए जांच समिति गठित कर दी गई है। समिति को 7 दिन के भीतर जांच कर रिपोर्ट सौंपने के लिए निर्देशित किया गया है। अब देखना है कि जांच समिति की रिपोर्ट में कौन-कौन से तथ्य उजागर होते हैं और कितनी गड़बड़ी का पता चलेगा और प्रतिवेदन के आधार पर किस तरह की कार्रवाई की जाएगी?