KORBA:निर्माणाधीन पिलर में क्रेक,वर्टिकल क्रेक से गुणवत्ता पर सवाल,हादसे की आशंका बढ़ी
कोरबा-बरपाली। कोरबा जिले में कोरबा-चांपा के मध्य निर्माणाधीन नेशनल हाईवे 149- बी पर बरपाली बस स्टैण्ड के निकट ओव्हरब्रिज के लिए कार्य हो रहा है। इससे पहले पिलर खड़े किये जा रहे हैं। अब तक तीन पिलर का निर्माण हो चुका है जिसमें से तीसरे नंबर के पिलर की सेट्रिंग खुलते ही एक बड़ी खामी सामने आई है।
विश्वसनीय सूत्र की मानें तो इस पिलर में वर्टिकल क्रेक आ गया है जो किसी भी पिलर के टिकाऊपन के लिए ठीक नहीं और भविष्य में इस पर निर्मित होने वाले ब्रिज के लिए बड़े हादसे की वजह बन सकता है।
जानकर ने बताया कि पिलर में वर्टिकल क्रेक के कारण इसकी लोड वेयरिंग कैपेसिटी नहीं रह जाएगी। यदि ऐसे क्रेक वाले पिलर पर गर्डर का लोड बढ़ेगा तो वर्टिकल क्रेक के बढऩे की संभावना ज्यादा हो जाएगी और यह दुर्घटना की वजह बन सकता है। सिविल इंजीनियरों की मानें तो वर्टिकल क्रेक किसी भी कम्प्रेशर मेंबर में नहीं आना चाहिए, यह कंस्ट्रक्शन फॉल्ट है और कहीं न कहीं कोई त्रुटि हुई है।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी के द्वारा सडक़ मार्ग में इस ओवरब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है और कार्य का ठेका जिसे दिया गया है, उसके द्वारा कहीं न कहीं लापरवाही बरती जा रही है। कार्यस्थल पर मॉनिटरिंग सही तरीके से नहीं होने को भी इसके लिए वजह माना जा सकता है। गुणवत्ता मॉनिटरिंग में कमी का खामियाजा भविष्य में किसी बड़े हादसे के रूप में सामने आये, इससे पहले उक्त तीसरे नंबर के पिलर में आये वर्टिकल क्रेक को गंभीरता से लेने की जरूरत स्थानीय लोगों ने बताई है। निर्माण विभाग से जुड़े एक तकनीकी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बरपाली में निर्माणाधीन ओवरब्रिज हैवी गर्डर वाला ब्रिज है और जिसमें थोड़ा सा भी फॉल्ट आना बड़ी दुर्घटना की वजह बन सकता है। निश्चित रूप से पिलर की ढलाई के दौरान किसी भी शासकीय नियंत्रण एजेंसी के नहीं रहने के कारण निर्माण से जुड़े ठेकेदार के लोगों ने सामाग्री की गुणवत्ता की अनदेखी की है। मनमाने तरीके से मटेरियल डालने के बाद वाईबे्रटर नहीं चलाये जाने से इस तरह का फाल्ट आने की बात कही जा रही है। जानकारों की मानें तो पिलर में एक धागे के बराबर भी क्रेक नहीं होना चाहिए और वर्टिकल क्रेक तो बिल्कुल भी नहीं।
0 समय रहते निरीक्षण की आवश्यकता
जानकारों ने बताया कि परसों ही सेट्रिंग खोली गई। तीसरे पिलर में वर्टिकल क्रेक को नजरअंदाज करने की बजाय निरीक्षण की आवश्यकता है अन्यथा अपनी गलती छिपाने के लिए इस क्रेक को प्लास्टर करके दबाने की कोशिश हो सकती है। ऐसा हुआ तो भी प्लास्टर बाहरी आवरण में क्रेक को सिर्फ ढंक कर बड़ी कमजोरी को छिपा सकता है लेकिन भीतर ही भीतर कमजोर पिलर पर अगर गर्डर का भार पड़ा तो हादसे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।