KORBA:दहेज प्रताड़ना के आरोपी दोषमुक्त
कोरबा। न्यायालय न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी कोरवा पीठासीन अधिकारी श्रीमती प्रतिक्षा अग्रवाल के द्वारा दहेज प्रताड़ना से संबंधित प्रकरण में अभियुक्त नरेंद्र गांगुली, राजेंद्र गांगुली, श्रीमती रेखा गांगुली एवं स्नेहा गांगुली को प्रकरण मे दोषसिद्ध ना होने की वजह से धारा 498ए, 34 भादवि अर्थात दहेज प्रताड़ना के अपराध से दोषमुक्त किया गया है। अभियुक्तगणों की ओर से अधिवक्ता श्यामल मल्लिक के द्वारा पैरवी किया गया।
अभियोजन के मुताबिक घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि प्रार्थिया / पीड़िता ने महिला थाना भोपाल में इस आशय का लिखित आवेदन पेश किया कि उसका पति नरेंद्र गांगुली, ससुर राजेन्द्र गांगुली, सास रेखा गांगुली, ननंद स्नेहा गांगुली दहेज की मांग को लेकर दिनांक 22.01.2017 के कुछ दिन अच्छे से रखा उसके बाद दहेज कम दिये एवं अनावश्यक दहेज संबंधी मांग को लेकर आय दिन ससुराल में आवेदिका को प्रताड़ना देना शुरू किये, घर का काम नौकरों की तरह कराते थे, भरण पोषण भी ठीक से नहीं करते थे। मोबाईल में अपने माता पिता से बात करना चाहती थी तो उसका पति सामने बैठकर बात कराता था वह अपने परिजनों को अपने साथ घटित हो रही घटनाओं को ना बता दे और कभी जब बात कराते थे तो बहुत कम समय के लिये कराते थे। आरोपीगण द्वारा उसे ताने दिये जाते थे कि किस फकीर की बेटी हो ब्याह कर ले आये हैं और उसके पिता तथा माता को गलत शब्दों से संबोधित करते थे, बात-बात पर लडाई-झगडा, मारपीट करते थे। मायके से पैसे मंगवाने की मांग को लेकर मारपीट करते थे, बच्चा नहीं हो रहा था तो प्रताडित करते थे, नौ माह पूर्व अत्यधिक मानसिक, शारीरिक रूप से प्रताडित कर उसे मायके पहुंचा दिये, उस समय वह गर्भवती थी और डिलीवरी मायके में हुई थी। पति व ससुराल पक्ष ने उसे पहुंचाने के बाद उसकी व उसकी बेटी की कोई पूछताछ नहीं की, उसका तथा उसकी बेटी का भरण पोषण उसकी मां कर रही है। पति को फोन लगाने पर गंदी गंदी गालियां देते है और चरित्र पर उंगली उठाते है, दहेजी समान भी सास, ससुर ने कब्जे में रख लिया है और स्त्री धन और शैक्षणिक दस्तावेज को पति और ससुराल वालों ने अपने कब्जे में रख लिया है। प्रार्थिया की रिपोर्ट पर आरोपीगण द्वारा धारा 498 भा०दं०सं० का अपराध घटित होना पाये जाने से महिला थाना भोपाल द्वारा अभियुक्तगणो के विरुद्ध धारा 498ए, 34 भादवि का अपराध दर्ज कर पुलिस चौकी रामपुर थाना कोतवाली भेजा गया। प्रकरण की सम्पूर्ण विवेचना संबंधी औपचारिकाताओं की पूर्ति उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।
प्रकरण में अभियोजन के द्वारा प्रार्थिया सहित समस्त महत्वपूर्ण साक्षियों को प्रस्तुत किया गया। जिनका प्रतिपरीक्षण अभियुक्तगणों की ओर से अधिवक्ता श्यामल मल्लिक के द्वारा किया गया। प्रकरण में साक्ष्य परीक्षण के उपरांत अभियोजन एवं शासन की ओर से तर्क प्रस्तुत किया गया जिसके पश्चात श्रीमती प्रतिक्षा अग्रवाल न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी कोरबा के द्वारा साक्षियों का परिसीलन कर दस्तावेजों का अवलोकन कर प्रकरण में अभियुक्तगणों पर दोषसिद्ध ना होने के कारणवश उन्हें धारा 498 ए, 34 भादवि दहेज प्रताड़ना के आरोपों से दोषमुक्त किया गया।