Uncategorized

90 घंटे काम और पत्नी को निहारने जैसे L&T के चेयरमैन के बयान के बाद छिड़ी बहस.. चेयरमैन का वेतन अपने कर्मचारियों से 534 गुना अधिक ,जाने गोयनका ने क्या कहा

नई दिल्ली:लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन ने मूर्ति ने कहा है कि कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम करना चाहिए। इस बयान से एक बार फिर कामकाजी घंटों और कंपनियों के वर्क कल्चर पर बहस शुरू हो गई है।

सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है और अलोचना करने में आम यूजर ही नहीं, बल्कि बिजनेस और फिल्म जगत की हस्तियां भी शामिल हो चुकी हैं.

सुब्रह्मण्यन को ट्रोल क्यों किया जा रहा जाने

अपने कर्मचारियों को सप्ताह में 90 दिन काम करने की सलाह देकर ट्रोल हुए L&T Chairman एसएन सुब्रह्मण्यन को मोटा वेतन मिलता है. बिजनेस टुडे पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, FY2023-24 के लिए उनका वेतन (SN Subrahmanyam) कुल 51 करोड़ रुपये था और उनके वेतन में बीते वर्ष की तुलना में 43.11% की वृद्धि हुई है. रिपोर्ट की मानें तो सुब्रह्मण्यन के वित्त वर्ष 2024 के पैकेज में 3.6 करोड़ रुपये का मूल वेतन और 35.28 करोड़ रुपये के कमीशन के अलावा अन्य भत्ते व राशि शामिल थे.

इस रिपोर्ट में L&T Chairman की सैलरी का आंकड़ा पेश करने के साथ ही ये भी बताया गया है कि चेयरमैन के वेतन और कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों के पैकेज में आखिर कितना अंतर है. इसमें कहा गया है कि कर्मचारियों को मिलने वाला औसत पैकेज वित्त वर्ष 2023-24 में 9.55 लाख रुपये था और इस हिसाब से देखें तो एलएंडटी कर्मचारियों के औसत वेतन से SN Subrahmanyam का वेतन 534.57 गुना ज्यादा था.

गोयनका ने की आलोचना

इस बीच, आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने इस सुझाव के लिए सुब्रह्मण्यन की आलोचना की है। उन्होंने स्मार्ट वर्क की वकालत करते हुए वर्क-लाइफ बैलेंस को आवश्यक बताया है।

आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका को सुब्रह्मण्यन का यह सुझाव समझ नहीं आया। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में इसकी आलोचना करते हुए कहा, सप्ताह में 90 घंटे? क्यों न सन्डे का नाम बदलकर ‘सन-ड्यूटी’ कर दिया जाए और ‘छुट्टी का दिन’ एक मिथकीय अवधारणा बना दिया जाए! मैं कड़ी मेहनत और समझदारी से काम में विश्वास करता हूं, लेकिन लाइफ को एक निरंतर ऑफिस शिफ्ट में बदल देना? यह बर्नआउट का नुस्खा है, सफलता का नहीं। वर्क-लाइफ बैलेंस वैकल्पिक नहीं है, यह आवश्यक है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker