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1885 से स्थापित मिशन अस्पताल की जमीन पर होगा प्रशासन का कब्जा , अस्पताल की लीज समाप्त, याचिका खारिज

Bilaspur: बिलासपुर संभाग के सबसे पुराने मिशन अस्पताल की लीज समाप्ति और बेदखली के आदेश को लेकर चल रहे लंबे विवाद का अब शीघ्र पटाक्षेप हो सकता है। इस मामले में जिला प्रशासन को बड़ी राहत मिली है। कमिश्नर महदेव कावरे ने अस्पताल की संपत्ति पर दायर स्थगन आदेश को खारिज करते हुए जिला प्रशासन के फैसले को सही ठहराया है।
बता दे की 1885 में स्थापित मिशन अस्पताल की जमीन को सरकारी लीज पर दिया गया था, जिसकी अवधि 2014 में समाप्त हो गई थी। इसके बाद लीज का नवीनीकरण न होने से विवाद शुरू हुआ। जिला प्रशासन के नजूल न्यायालय के आदेश अनुसार अस्पताल प्रबंधन को जमीन खाली करने का नोटिस दिया गया था। परंतु क्रिश्चियन वूमेन बोर्ड के मिशन के डायरेक्टर डॉ रमन जोगी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी। उच्च न्यायालय ने इसे राजस्व का प्रकरण बताते हुए संबंधित न्यायालय में मामला दर्ज करने का निर्देश दिया।
कमिश्नर न्यायालय में इस मामले की सुनवाई 25 अक्टूबर को हुई जिसमे दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था।
30 अक्टूबर को कमिश्नर कावरे ने जिला प्रशासन के पक्ष में फैसला हुए लीज धारकों की अपील खारिज कर दी। इस फैसले के बाद जिला प्रशासन के हाथ में अस्पताल की संपत्ति अधिग्रहण का अधिकार आ गया।
जिला प्रशासन ने लीज निरस्त कर कब्जा लेने की कार्यवाही इस आधार पर की थी कि अस्पताल परिसर में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करते हुए उसे चौपाटी के लिए किराए पर दे दिया । अस्पताल के एक हिस्से का संचालन न्यू वंदना अस्पताल के नाम से किया जा रहा है।

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