हसदेव नदी में अब नहीं छोड़ा जाएगा निगम के 11 बड़े नालों से निकलने वाला शहर का गंदा पानी
कोरबा 22 जनवरी। कोरबा जिला नगर पालिका निगम अब स्वच्छता सर्वेक्षण में वाटर प्लस केटेगरी यानी फाइव स्टार रेटिंग के लिए दावा पेश करेगी। किसी शहर से निकलने वाले सीवरेज और गंदे पानी को पूरी तरह से साफ कर उसका उपयोग करने वाले को ही फाइव स्टार रेटिंग दी जाती है। जिसके लिए कुछ समय पहले ही नगर पालिका निगम कोरबा ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एनटीपीसी के साथ एक एमओयू साइन किया है। जिसके तहत निगम के 11 बड़े नालों से निकलने वाला शहर का गंदा पानी हसदेव नदी में छोड़ा जाता था।
अब गंदे पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के जरिए साफ कर उसे एनटीपीसी को बेचा जाएगा। जिससे निगम द्वारा पानी के ट्रीटमेंट पर किया जाना वाला खर्चा रिकवर होगा। दूसरी तरफ गंदे पानी का उपचार भी संभव होगा। इन कामों के दम पर नगर निगम केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण में वाटर प्लस कैटेगरी के लिए दावा पेश करने की तैयारी में है।
बताया जा रहा हैं की शहर से प्रतिदिन निकलने वाले सीवरेज वाटर का ट्रीटमेंट कर फिर से उपयोग करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित करने की प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है। नगर निगम और एनटीपीसी प्रबंधन के मध्य इस प्लांट की स्थापना के लिए एमओयू किया गया है। इसकी कुल लागत 168.95 करोड़ होगी।
बता दें कि 11 नालों से प्रतिदिन 34 एमएलडी पानी हसदेव नदी में छोड़ा जाता है। पानी को ट्रीटमेंट करने के साथ ही यह परियोजना हसदेव नदी की स्वच्छता की तरफ बढ़ाया जाने वाला कदम भी है। नगर निगम कोरबा क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से राज्य का सबसे बड़ा नगर निगम है। 67 वार्डों में फैले नगर निगम के 11 बड़े नालों से बरसात के सीजन को मिलाकर प्रतिदिन सीवरेज युक्त 34 एमएलडी गंदा पानी निकलता है। इस गंदे पानी को हसदेव नदी में छोड़ा जाता है, पर अब यह पानी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में जाएगा।जहां से टर्शरी ट्रीटमेंट प्लांट से ट्रीट होने के बाद इसे एनटीपीसी को सप्लाई किया जाएगा। एनटीपीसी जो पानी औद्योगिक उपयोग के लिए हसदेव से लेता था उसका संरक्षण भी होगा। दूसरी तरफ नगर निगम द्वारा जो गंदा पानी हसदेव नदी में छोड़ा जाता था उस पर भी रोक लगेगी। निगम आयुक्त आशुतोष पाण्डेय इस कार्य को अपनी प्राथमिकता की सूची शामिल किए हुए है। उनका पूरा फोकस हसदेव नदी को जल्द से जल्द प्रदूषण से मुक्त कराना है। बता दे की पाण्डेय की कोरबा निगम में नियुक्ति के बाद से शहर के सौंदर्य के साथ अन्य जनसुविधा के कार्यों में तेजी आई है।
