सुधार की बजाय उपभोक्ता को धमकाकर जमा कराते रहे बिजली बिल
0 उपभोक्ता आयोग ने जुर्माना के साथ गलती सुधारने का आदेश दिया विद्युत अधिकारियों को
कोरबा। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी की मनमानी पर उपभोक्ता आयोग ने दंडित किया है। परिवादी को मनमाना बिजली बिल भेजने तथा उसे सुधारने की शिकायत को हर बार अनदेखा करने के कारण उपभोक्ता आयोग द्वारा विद्युत वितरण कंपनी पर 17000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है और लगभग 10 वर्षों में दिए गए बिजली बिल की पुनर्गणना करने का निर्देश देकर परिवादी को राहत पहुंचाई है।
प्राप्त जानकारी अनुसार उपभोक्ता व परिवादी शफीक शेख के द्वारा ग्राम भुसलिडीह में मुर्गी पालन केंद्र की स्थापना वर्ष 2014 में की गई थी। विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा LV04 श्रेणी के तहत मुर्गी पालन केंद्र हेतु कनेक्शन प्रदान किया गया था परंतु बिजली बिल की गणना LV02 श्रेणी के तहत करते हुए उन्हें बिजली बिल भेजा जाता रहा। परिवादी द्वारा इसकी शिकायत विद्युत कंपनी के अधिकारियों से करने पर उनके द्वारा भविष्य में इसे सुधार करने का आश्वासन दिया जाता रहा परंतु ना कभी परिवादी की शिकायत का संज्ञान लिया गया ना ही उन्हें बिजली बिल में कभी कोई रियायत दी गई। उल्टा अधिकारियों द्वारा परिवादी को विद्युत कनेक्शन काट देने की धमकी देते हुए लगभग पिछले 10 वर्षों में लाखों रुपए मनमाने दर पर बिजली बिल का भुगतान करवाया गया। विद्युत कंपनी के कार्यालय के चक्कर लगा-लगाकर थक जाने के बाद अंततः परिवादी द्वारा अधिवक्ता अशोक पाल के माध्यम से उपभोक्ता आयोग में वाद दायर किया।
उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवादी के पक्ष में अधिवक्ता अशोक पाल की दलील और प्रतिवादी पक्ष द्वारा दिये गए जवाब का अध्ययन किया गया। दोनों पक्ष को सुनने व इनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजी साक्ष्यों व तथ्यों का अवलोकन/परीक्षण बाद आरोप को सही ठहराते हुए प्रकरण में विद्युत वितरण कंपनी को सेवा में कमी का दोषी करार दिया गया। आयोग ने अपने आदेश दिनांक 20.05.2024 में विद्युत वितरण कंपनी पर विद्युत कनेक्शन में अनियमितता के कारण परिवादी को हुई आर्थिक क्षति हेतु ₹10000 तथा उसे हुई मानसिक पीड़ा हेतु ₹5000 व वाद व्यय के रूप में ₹2000 कुल ₹17000 का जुर्माना लगाया है। साथ ही परिवादी के बिजली बिल की पुनर्गणना LV04 की दर से करते हुए अब तक जमा की गई राशि का समावेश कर, बिजली बिल बकाया नही होने की स्थिति में, अतिरिक्त राशि लौटाने का आदेश दिया है।