शहर में मच्छरों का आतंक, चैन से सो रहा निगम प्रशासन,धूल फांक रही हैं फॉगिंग मशीनें
धमतरी। मौसम में बदलाव के साथ ही नगर पालिक निगम क्षेत्र के मुहल्ले में मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है और लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।
यहां के मच्छरों को भी पता है कि निगम प्रशासन की क्षमता क्या है। वह ये भी जानते हैं कि नगर पालिक निगम को जनता के दुख दर्द से कम ही वास्ता है। लिहाजा दिन और रात सुबह और शाम मच्छरों का प्रकोप सर चढ़कर बोलना शुरू कर दिया है।
आलम यह है कि घर हो या दुकान, हर जगह मच्छरों का आतंक बढ़ गया है। सुबह हो या शाम मच्छरों का हमला शुरू हो जाता है। जिसके कारण संक्रमण का खतरा, बीमारी के भय से लोग दिन में भी मच्छरदानी तथा मच्छर भगाने वाले क्वायल का प्रयोग कर रहें हैं। गुडनाइट और मच्छर मारने वाले क्वायल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।
चिकित्सकों का कहना है कि मच्छर मारने के लिए जो क्वायल या फिर गुडनाइट जलाते हैं, वह सिगरेट के धुएं से भी ज्यादा नुकसानदायक है। लोगों की मानें तो मच्छरों के बचाव को निजी इंतजाम नहीं किए जाएं तो दो मिनट भी लोग शांति से बैठ नहीं सकते।
मच्छरों के आतंक से दिन में भी लोग परेशान हैं। नगर में फॉगिंग नहीं होने से खासकर मच्छरों के आतंक से छोटे बच्चे, बूढ़े एवं महिलाओं को अधिक कठिनाई हो रही है। इससे मवेशियों की भी हालत खराब है। नगर निगम क्षेत्र के अधिकांश मुहल्ले के नालियों में जल जमा की समस्या बनी है। नालियों में गंदा पानी जाम होने के कारण मच्छरों का प्रकोप बढऩा कोई बड़ी बात नहीं है।
ऊपर से नगर के अधिकांश मुहल्ले के बड़े नाले में भी जमी गंदगी मच्छरों का आतंक बढ़ाने में सहायक साबित हो रही है। मुहल्ले में गंदगी होने के कारण संक्रामक रोग एवं मच्छरों का प्रकोप का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन इसकी परवाह निगम प्रशासन को नहीं है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि निगम प्रशासन को इस गंभीर समस्या से कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने यह भी बताया कि निगम प्रशासन द्वारा क्षेत्र में रहने वाले लोगों से टैक्स वसूलने में पीछे नहीं रहता है लेकिन नागरिक सुविधा देने में अफसरों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। नगर निगम के पास संसाधन की कोई कमी नहीं है। सभी उपकरण निगम कार्यालय की शोभा बढ़ा रही है। ऐसे में नागरिक सुविधा नहीं देना उनके कार्य करने की उदासीनता को दर्शाता है। जबकि निगम प्रशासन शहर में फॉगिंग सुविधा देने की बात करती है। जो कागजी बात ही बनकर रह गया है।
नगर निगम क्षेत्र को फॉगिंग कर मच्छरों से मुक्त कर ही शहरवासियों को मच्छरों से निजात दिलाया जा सकता है।